शिमला, 14 सितंबर : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) की कुल्लू घाटी की बदकिस्मती से पहचान नशे को लेकर अंतरराष्ट्रीय पटल (International Map) पर भी है। कुदरत ने घाटी को नैसर्गिक खूबसूरती (Natural Beauty) तो दी ही है, लेकिन इसे नशे का हब भी बना दिया गया है। सौभाग्यवश इस समय आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि मानों आईपीएस गौरव सिंह (IPS Gaurav Singh) के नेतृत्व में टीम ने नशे के कारोबार को जड़ से मिटाने की शपथ ले रखी हो। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि इस समय मंडी की एसपी शालिनी अग्रिहोत्री (IPS Shalini Agnihotri) ने भी कुल्लू में तैनाती के दौरान नशे की रीढ़ को तोडऩे में काफी हद तक सफलता पाई थी। खैर, हिमाचल में सबसे यंग एसपी होने का गौरव रखने वाले आईपीएस गौरव सिंह की टीम प्रभावशाली नतीजे दे रही है। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि सप्लायर्स (Suppliers) की रीढ़ तोडऩे की कोशिश की जा रही है।
लगभग एक साल में सप्लायर्स (Suppliers) की दो करोड़ 10 लाख रूपए की अवैध संपत्ति ( Illegal Property) जब्त की गई है। कुछ माह पहले डीएसपी बिन्नी मिन्हास के नेतृत्व में चरस की सबसे बड़ी खेप बरामद हुई थी। 17 साल के रिकॉर्ड में ये पहली बार हुआ, जब 42 किलो चरस बरामद की गई। उल्लेखनीय है कि डीएसपी बिन्नी मिन्हास (DSP Binny Minhas) का चरस के कारोबार को बेनकाब करने का एक अच्छा तजुर्बा है। कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए हैं। एसपी गौरव सिंह खुद भी नशे के कारोबारियों के लिए खौफ बन गए हैं। अगर एक साल की बात की जाए तो 235 किलो चरस, 873 ग्राम हेरोइन, 5 किलो अफीम, 132 किलो चूरा-पोस्त, साढ़े 4 किलो गांजा, 4 ग्राम कोकिन, 4.2 ग्राम एमडीएमए, 7 एलएसडी पेपर, 1229 नशीले कैप्सूल के अलावा 3,67,420 रूपए की नकदी बरामद की है। 316 मुकदमों में 431 को गिरफ्तार किया गया। इसमें 20 विदेशियों के अलावा 35 महिलाएं भी हैं। यानि, औसतन 1 नशे के कारोबारी को रोज गिरफ्तार किया गया। 42 किलो चरस की घरेलू मार्किट में ही कीमत 53 लाख रूपए आंकी गई थी।
बड़ी बात यह है कि मुख्य सप्लायर, ट्रांसपोर्टर, डीलर व खरीददार को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया। इस मामले में भी 25 लाख की संपत्ति जब्त की जा चुकी है। पुलिस की कार्रवाई यहीं नहीं खत्म होती, अफीम की खेती करने को लेकर भी 78 मामले दर्ज हुए। 18 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई। 1 लाख 40 हजार अफीम व 10 लाख भांग के पौधों को भी नष्ट किया गया। पिस्सू, थाच, पार्वती घाटी, मलाणा, फौजल, कसोल, मणिकर्ण व तोश में छापेमारी से चरस की बरामदगी हुई। पिस्सू-थाच की वो सबसे बड़ी रेड रही, जिसमें 29 पुलिस अधिकारियों की टीम ने 31 लोगों को 17 घंटे ट्रैक करने के बाद 3 किलो चरस सहित गिरफ्तार किया था। कुल्लू पुलिस रेव पार्टियों पर भी पैनी नजरें गड़ाए रहती हैं, क्योंकि हर कोई जानता हैं कि ऐसी पार्टियों में नशीले पदार्थों का खुलेआम इस्तेमाल होता है। मणिकर्ण के जंगल में एक ऐसी पार्टी को बेनकाब किया गया, जिसमें 200 से ज्यादा विदेशी भी शामिल थे।
एसपी गौरव सिंह का कहना है कि पुलिस केवल पैडलर तक सीमित न रहकर मुख्य सप्लायर्स को टारगेट करती है। 45 से अधिक सप्लायर्स गिरफ्तार किए गए हैं। उनका कहना था कि जब सप्लायर तक पहुंचेंगे, उसी सूरत में पूरी तरह से काबू किया जा सकता है। उनका कहना था कि इसी कड़ी के चलते दिल्ली से 15 मुख्य चिट्टा सप्लायर गिरफ्तार किए गए, जो विदेशी नागरिक हैं। 10 ऐसे केस हैं, जिसमें चरस की बरामदगी 5 किलो से अधिक रही। एसपी गौरव सिंह का कहना है कि पुलिस की कूटनीति ड्रग्स के सोर्स से डेस्टिनेशन तक पहुंचने की है। अगर ये नेटवर्क टूटता है तो उस सूरत में ही सही नतीजे सामने आ सकते हैं। एसपी का यह भी कहना है कि वो अपनी टीम के बिना अधूरे हैं। उन्होंने कहा कि इसकी शुरूआत कांस्टेबल रैंक से शुरू होकर शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचती है।