शिमला, 11 सितम्बर : प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार को पांच विधेयकों को पारित किया। इनमें माननीयों के वेतन भत्तों का विनियमन (संसोधन) विधेयक 2020, हिमाचल प्रदेश सहकारी सोसायटी (संशोधन) 2020 ,विधेयक, हिमाचल नगर निगम (संशोधन) 2020, विधेयक, हिमाचल प्रदेश नगरपालिका (संशोधन) 2020,विधेयक और हिमाचल मोटरयान कराधान (संशोधन) 2020 विधेयक शामिल हैं।
हिमाचल प्रदेश कतिपय अत्यावश्यकताओं में विभिन्न प्रवर्गों के वेतन व भत्तों के विनियमन विधेयक पर चर्चा के जवाब में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कहा कि कोरोना ने सारे विश्व की आर्थिक को प्रभावित किया है। उन्होंने कहा कि विधेयक के तहत 30 फीसदी वेतन-भत्ते कटने का प्रावधान है और इतना ही काटा जाएगा। इससे ज्यादा कोई भी स्वेच्छा से दे सकता है। इससे पहले विधेयक पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 30 फीसदी की जगह सदस्यों की 50 फ़ीसदी वेतन भत्ते काटे जाएं, ताकि जिस समाज से लेते रहे है उस समाज को कुछ योगदान दें सकें।
माकपा विधायक राकेश सिंघा ने भी सुक्खू की बात का समर्थन करते हुए कहा कि ऐसे वक्त में हमें समाज को जितना हो सके देना चाहिए। लेकिन विधायकों की विधायक निधि बहाल की जाए। संसोधन विधेयक को सलेक्ट कमेटी को भेजना चाहिए। वहीं भाजपा के कर्नल इंद्र सिंह ने कहा कि जो सदस्य 50 फ़ीसदी वेतन भत्ते दे सकते है व दे और जो देने में असमर्थ है वह न दें। किन्नौर के कांग्रेस विधेयक जगत नेगी ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि 30 फ़ीसदी से अधिक वेतन काटने के प्रावधान के लिए विधेयक को प्रवर समिति को भेजा जाए। साथ ही जो पैसा कट रहा उसका सही इस्तेमाल हो क्योंकि सरकार चैयरमेन लगाकर तो ये सिद्ध कर रही है कि प्रदेश में आर्थिक संकट नही है। हमीरपुर के भाजपा विधायक नरेंद्र ठाकुर ने सुझाव दिया की 30 फ़ीसदी कट के साथ ही विधेयक पारित किया जाए बाकी जो सदस्य जितना वेतन कटवाना चाहे अपनी सामर्थ्य से कटवा सकता है।