संगड़ाह /नाहन, 11 सितंबर : हिमाचल विधानसभा (Himachal Vidhan Sabha) के मानसून सत्र में शुक्रवार को वीर सपूत प्रशांत ठाकुर (Martyr Parshant Thakur) के परिवार को आर्थिक सहायता का मुद्दा भी गूंजा। लिहाजा यह साफ हो गया है कि वीरवार को आनन-फानन (Hurry) में परिवार को 5 लाख की राशि इस कारण मुहैया करवाई गई, क्योंकि आज सरकार को इस सवाल का जवाब विधानसभा में देना था।
बहरहाल विधायक विनय कुमार (MLA Vinay Kumar) के सवाल पर सरकार ने विधानसभा (Assembly) में स्पष्ट किया है कि शहीद प्रशांत ठाकुर के परिवार को 15000 रुपए की तत्काल आर्थिक सहायता मुहैया करवाई गई थी। इसके अलावा एक्सग्रेशिया अनुदान के तहत 5 लाख रुपए की अग्रिम राशि सिरमौर के ज़िलाधीश द्वारा प्रदान की गई है, बाकी 15 लाख की शेष राशि का भुगतान दस्तावेज़ (Documents) प्राप्त होने के उपरांत कर दिया जाएगा। सरकार ने अपने जवाब में कहा कि जहां तक शहीद की यादगार (Memory) में किसी सड़क या स्कूल का नाम रखने का प्रश्न है तो इस संबंध में कोई प्रस्ताव यदि सरकार को प्राप्त होता है तो मामले में नियमानुसार विचार किया जाएगा।
सवाल ये भी पैदा हो गया है कि क्या एक शहीद की शहादत (Martyrdom) का मामला विधानसभा में पहुंचने के बाद ही सरकार होश में आएगी। तीन सप्ताह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद अब सरकार (Government) की चुप्पी तब टूटी है, जब मामला विधानसभा में पहुंचा। अगर विधानसभा में सवाल नहीं पूछा जाता तो शहीद के परिवार को 5 लाख की राशि का चैक मिलने में भी महीनों लग सकते थे।
उधर विधायक विनय कुमार ने बताया कि पिछले महीने देश की सीमा पर मातृभूमि की रक्षा (Protecting Mother Land) करते हुए शहीद प्रशांत ठाकुर को हिमाचल सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान करने का मामला आज विधानसभा में उठाया। विनय कुमार ने कहा कि उन्होंने सरकार को अपने प्रश्न में आर्थिक सहायता के अलावा उनकी याद में सड़क या स्कूल का नाम रखने की घोषणा करने का भी जवाब मांगा था। विधायक ने कहा कि सदन में प्रश्न पूछने के बाद ही सरकार कुंभकरण की नींद से जागी है।