पांवटा साहिब, 07 सितंबर : समूचे देश (country) में गौरक्षा (Cow Protection) को लेकर बड़े-बड़े दावे (Claim) किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर कुछ नहीं होता। कस्बे के एक शिक्षित युवक (Educated youth) सचिन ओबराय ने खामोशी (Silently) से ही गौरक्षा के मकसद से ऐसा कदम उठाया, जिसके सामने आने के बाद हर कोई सचिन की प्रशंसा कर रहा है। आप जानकर हैरान हो जाएंगे कि गौ सेवा (Cow Service) के जुनून (Passion) को सार्थक करने के लिए सचिन ने पुश्तैनी संपत्ति को ही गिरवी (Mortgage) रख दिया है। जमीन व निर्माण (Construction) कार्य पर सचिन लगभग 80 लाख रूपए खर्च कर चुके हैं। हालांकि निर्माण कार्य जारी है, लेकिन बेसहारा पशुओं (Destitute animals) को आश्रय (Shelter) देना शुरू कर चुके हैं।
चंद रोज पहले सचिन ने फेसबुक पेज पर गऊओं के प्रति अपने स्नेह(Affection) का जिक्र किया। तब सचिन के जुनून का खुलासा हुआ। युवावस्था की शुरूआत से ही सचिन को वैराग्य (Quietness), फकीरी व गौ प्रेम के प्रति रूझान हुआ।
सचिन का कहना है कि शायद इसीलिए ईश्वर ने उन्हें चुना है। कुछ अरसा तक सचिन पत्रकारिता के क्षेत्र में भी सक्रिय रहे, लेकिन इस ग्लैमर को छोड़कर इस समय पूरा समय गऊओं की सेवा में ही व्यतीत करते हैं। सचिन उन लोगों के लिए प्रेरणा(Inspiration) बने हैं, जो पशुओं (Cattle) को दूध (Milk) के लिए इस्तेमाल करने के बाद लावारिस (Abandon) छोड़ देते हैं। अपने भविष्य की चिंता करे बगैर सचिन पांवटा साहिब (Paonta sahib) के बहराल में गौसदन (cow shelter) को ही अपना सब कुछ मान चुके हैं। सचिन ने बताया कि गौसदन के निर्माण (construction) के लिए पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) से 45 लाख रूपए का लोन लिया है। इसके लिए चल व अचल संपत्ति (Movable and Immovable assets) को गिरवी रखा गया है।
सचिन ने गौसदन का नाम अपने अध्यात्मिक (Spiritual) गुरू श्रीश्री 1008 सत्यानंद जी महाराज के नाम पर रखा है। लाजमी तौर पर आज के समय में गौशाला खोल कर सरकारी लाभ (Profit) लेना भी मकसद होता है। साथ ही दिखावा भी होता है। लिहाजा, सचिन ओबराय जैसे युवाओं की समाज को सख्त जरूरत है, जो आकर्षक प्रोफेशन को छोड़कर युवा काल में ही गौ माता की सेवा में जुट गए है। बता दें कि सचिन के गौसदन का निर्माण( construction) अभी पूरा भी नहीं हुआ है, लेकिन गऊओं को लाने वालों की कतार लगनी शुरू हो गई है।
सचिन की नेक सोच (Good thinking) को देखते हुए कमरऊ के एक बुजृुर्ग दंपत्ति (old couple) ने कहा कि वो घर पर गऊओं की सेवा करने में असमर्थ हैं। साथ ही यह भी शर्त रखी है कि जब वो अपनी गऊओं को गौसदन में लाएंगे तो एक दुधारू पशु को भी छोड़ेंगे।
Latest
- मंडी : प्रेरणा उत्सव के लिए जिला स्तर पर 30 में से 4 बच्चों का होगा अंतिम चयन
- जुब्बल : सामान उतारते समय खाई में गिरी बोलेरो कैंपर, महिला समेत दो की मौत
- पैराग्लाइडिंग नियमों को लेकर सख्ती, रद्द होंगे लाइसेंस
- नाहन : कबड्डी प्रतियोगिता में बिलासपुर को हराकर फाइनल में पहुंची शिमला टीम
- #Nahan : महिला ने सामान्य प्रसूति से एक साथ दिया तीन बेटियों को जन्म, पढ़ें विस्तृत खबर