शिमला, 07 सितम्बर : कोरोना काल में हिमाचल विधानसभा(Himachal Assembly) का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है। सत्र की पहली बैठक दोपहर दो बजे शुरू होगी। सत्र के प्रारंभ में पूर्व राष्ट्रपति स्व. प्रणव मुखर्जी तथा पूर्व विधायक राकेश वर्मा को श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद प्रश्न काल होगा और विधायी कार्य निपटाए जाएंगे। करीब 5 माह (Five months) बाद सतापक्ष और विपक्ष(Opposition) आमने सामने होंगे। 18 सितम्बर तक चलने वाले सत्र के हंगामेदार (Ruckus) रहने के आसार हैं। अफसरों के फर्जी बीपीएल कार्ड, स्वास्थ्य विभाग(Health Department) में पीपीई किट घोटाला, निजी विवि में फर्जी डिग्री प्रकरण, कोरोना महामारी से बिगड़ रहे हालात इत्यादि मुद्दों पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस द्वारा भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की जाएगी। अब तक विधायकों के 600 से अधिक सवाल विधानसभा सचिवालय को मिल चुके हैं। दोनों दलों ने रविवार शाम सत्र को लेकर अलग-अलग बैठकें कर अपनी रणनीति तैयार की। सत्तापक्ष की बैठक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और कांग्रेस विधायकों की बैठक नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में हुई।
मानसून सत्र( Monsoon Session ) में कोरोना से बचाव के खासे इंतजाम किए गए हैं। विधान सभा परिसर(Assembly Campus) में प्रत्येक आगंतुक फिर चाहे वह मंत्री व विधायक ही क्यों न हों सभी की थर्मल स्क्रीनिंग(Thermal screening) होगी। चेहरे पर कोरोना संक्रमण से बचाव का प्रमुख अस्त्र मास्क होगा। हाथों को सेनेटाइज करना होगा। समाजिक दूरी(Social distance) के सिद्धांत की अनुपालना आवश्यक होगी।
विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने बताया कि इस बार कोरोना संक्रमण के खतरे की वजह से कई सावधानियां(Precautions) बरती जा रही हैं। उन्होंने बताया कि विधायकों, अधिकारियों व सीमित मात्रा में मीडिया कर्मियों को ही प्रवेश की अनुमति होगी। पहले की तरह यहां आम लोग नहीं आ सकेंगे। विधानसभा(Assembly) की कार्रवाई देखने की भी अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 1200 की जगह 400 पास ही इस बार जारी किए गए हैं। दर्शक दीर्घाओं के पास जारी नहीं किए गए हैं। विधायकों के मध्य पाली कार्बोनेट शीट लगाई गई हैं। प्रतिनिधिमंडलों को विधानसभा में न लाने का आग्रह सदस्यों से किया गया है।
बता दें कि कोरोना महामारी की वजह से विस का बजट सत्र समय से पहले 22 मार्च को स्थगित हो गया था। इसके बाद नियमों के तहत छह माह के भीतर मानसून सत्र बुलाया गया है।