शिमला, 04 सितम्बर : कोरोना मृतकों के परिवार को आर्थिक मदद देने के मामले में हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश एल.नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति अनूप चितकारा की खंडपीठ ने ये आदेश अधिवक्ता तरुण पाठक द्वारा दायर एक याचिका पर पारित किए हैं। याचिकाकर्ता (Petitioner) ने आरोप लगाया है कि कोविड-19 को न केवल महामारी घोषित किया गया है, बल्कि आपदा के रूप में भी अधिसूचित किया गया है। केंद्र सरकार के आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के प्रावधान इस बीमारी के मामले में लागू होने चाहिए। उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि मार्च 2020 में कोविड महामारी को आपदा घोषित करने के बाद, केंद्र सरकार ने प्रावधान किया कि कोविड की मृत्यु के मामले में, मृतकों के परिवार या परिजनों को 4 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। लेकिन बाद में उक्त खंड को वापस ले लिया गया। उन्होंने कहा है कि बिहार राज्य कोविड के कारण मरने वाले व्यक्तियों के परिवारों को भी अनुग्रह अनुदान प्रदान कर रहा है।
उन्होंने सुझाव दिया है कि राज्य में कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों की न्यूनतम संख्या को ध्यान में रखते हुए अधिनियम या मुख्यमंत्री राहत कोष के तहत बनाए गए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से राहत प्रदान की जा सकती है और यह बहुत अधिक वित्तीय बोझ नहीं डालेगा। उन्होंने कहा है कि यह उन परिवारों के लिए बहुत मददगार होगा जो समाज के कमजोर वर्ग के हैं और कोविड की वजह से अपने परिवार के सदस्य की मृत्यु के बाद उनकी आय को कोई साधन नहीं है।
याचिकाकर्ता ने राज्य से कोविड के कारण मरने वाले लोगों के परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने और कोविड के कारण मारे गए उन पीड़ितों के परिवारों च आश्रितों को पूर्व अनुग्रह या अन्य तत्काल वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए एक उपयुक्त योजना तैयार करने का निर्देश देने की प्रार्थना की है। मामले की सुनवाई एक अक्तूबर को होगी।