शिमला, 03 सितंबर : अक्सर ही प्रतिभाएं (Talents) अलग-अलग कारणों से दफन हो जाती हैं। जीवन में रोटी कमाने की जद्दोजहद में एक कलाकार अपने अंदर छिपी प्रतिभा को तराशने में असफल हो जाता है। ऐसा ही हिपा (Himachal Institute of Public Administration) में चतुर्थ श्रेणी(Fourth class Employee) कर्मचारी के पद पर तैनात विजयकुमार (37) के साथ भी हुआ है।
दसवीं के बाद वह जालंधर जाकर चित्रकारी में ही अपना कैरियर बनाना चाहता था, लेकिन परिवार (family) की आर्थिक स्थिति (Finical Condition) ने उसे इस दिशा में आगे बढ़ने की इजाजत(Permission) नहीं दी। नतीजा यह हुआ कि वह दसवीं के बाद टैक्सी चलाने लगा। जुंगा के रहने वाले विजय का जीवन संघर्ष (Struggling life) में ही गुजर रहा है, प्रतिमाह 8500 रूपये कमाने (दिहाड़ीदार) वाले विजय कुमार पर तीन बेटियों के जीवन की ज़िम्मेदारी है। ऐसे में वो अपने हुनर को कैसे आगे ले जाता।
19 साल तक टैक्सी चलाने के बाद उसे हिपा (लोक प्रशासन संस्थान हिमाचल प्रदेश) में एक दैनिक भोगी कर्मचारी(Daily Wager employee) के तौर पर नौकरी तो मिल गई, लेकिन किसी को इस बात का इल्म नहीं था कि वह एक बहुंमुखी प्रतिभा (Multi talent) का धनी है। इसी बीच हिपा में तैनात एचएएस अधिकारी (HAS Officer) ज्योति राणा(Jyoti Rana) की प्रमोशन (Promotion) हुई।
अधिकारी से प्रभावित विजय ने उस समय हर किसी को दंग कर दिया, जब वह अतिरिक्त निदेशक ज्योति राणा का एक पोट्रेट (Portrait) बनाकर उन्हें भेंट करने पहुंचा। आपको शायद यकीन न हो इस पोट्रेट का खर्च उठाने के लिए उसने बचत(Saving) की थी। तीन बेटियों के पिता विजय को बमुश्किल ही रंग, ब्रश व अन्य सामान खरीदने के लिए पैसे जुटाने पड़े थे।
बातचीत के दौरान विजय कुमार ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क को बताया कि उसे बचपन से ही पेंटिंग का शौक था, लेकिन आर्थिक स्थिति ने इस बात की इजाजत नहीं दी। परिवार के लालन पोषण को लेकर ही जद्दोजहद (Struggle) कर रहे हैं। उनका कहना था कि कुछ सालों बाद जब वह नियमित होंगे, तब जीवन ट्रैक पर आएगा।
एक सवाल के जवाब में कहा कि 6- 7 हजार रुपए की राशि एक पोट्रेट बनाने पर खर्च हो जाती है। इन दिनों अतिरिक्त निदेशक (Additional Director) ज्योति राणा जी की बदौलत पोट्रेट बनाने के कुछ ऑर्डर मिले हैं, क्योंकि अब उन्हें आवास भी यहीं मिला है,
लिहाजा 5:00 बजे के बाद कुछ पेंटिंग करने का समय मिल जाता है। उनका कहना था कि 9 साल की बेटी को भी पेंटिंग का शौक है। अगर भाग्य ने चाहा तो वह उसे इस दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेंगे।
विजय कुमार (37) ने अतिरिक्त निदेशक ज्योति राणा का आभार(Gratitude) प्रकट करते हुए कहा कि करीब-करीब 20 साल बाद उन्हें दोबारा अपने बचपन के जुनून (Passion) को साकार(Realizing) करने का मौका मिला है, जो उनकी ही बदौलत संभव हो पाया है।
उधर एचएएस अधिकारी ज्योति राणा का कहना था कि जिस दिन जब विजय उनकी प्रमोशन(Promotion) के बाद पोट्रेट लेकर उनके सामने आया था तो उन्हें कतई विश्वास नहीं हुआ था कि यह पोट्रेट(Portrait) उसी के द्वारा बनाया गया है। कुल मिलाकर विजय जैसे प्रतिभाशाली(Talented) लोगों को प्रेरित करना चाहिए, क्योंकि आज बदलते परिवेश में इस तरह के लोग काफी कम हैं। बता दे कि HAS ज्योति राणा ने विजय द्वारा बनाये गए पोट्रेट को फेसबुक (Facebook) पर पोस्ट भी किया था, मगर शायद कम ही लोग जानते है कि इसके पीछे का हुनरबाज(Talent) कौन है। शायद,अगर वो इसे न बनाता तो उसका टैलेंट भी सामने नहीं आता। अब अधिकारी द्वारा उसके टैलेंट को प्रमोट किया जा रहा है।