शिमला, 1 सितंबर : हिमाचल पुलिस (Himachal police) ऐसी शिकायतों की जांच नहीं करेगी, जिनमें शिकायतकर्ता ने खुद की पहचान छिपाते हुए ना तो अपना नाम लिखा है और अपना पता छिपाया है। पुलिस का मानना है कि गुमनाम शिकायतों की जांच(Investigation) कराने पर जहां एक ओर समय व्यर्थ होता है, वहीं जांच का कोई सार्थक हल नहीं निकल पाता। इस तरह की ज्यादातर शिकायतों के फर्जी होने की संभावना रहती है। शिकायतकर्ता के रूप में अपनी पहचान व पता छिपाकर एक जागरूक नागरिक, एक पीड़ित, हम सब इलाकावासी इत्यादि लिखकर की गई किसी भी शिकायत पर पुलिस अधिकारी ध्यान नहीं देंगे। पुलिस के मुताबिक ऐसी शिकायतों की भरमार रहती है। कई बार शिकायत झूठी पाए जाने पर जांच में पुलिस का समय बर्बाद होता है और सामने वाले को भी बेवजह परेशान होना पड़ता है।
पुलिस मुख्यालय में मंगलवार को डीजीपी संजय कुंडू(DGP Sanjay Kundu) की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह फैसला लिया गया। पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता व एसपी लाॅ एंड आर्डर खुशहाल शर्मा( Law And Orders Khushal Sharma) ने बताया कि बैठक के दौरान इस बात पर चर्चा की गई कि पुलिस विभाग में कई गुमनाम शिकायत पत्र जांच के लिए प्राप्त होते हैं। इन शिकायत पत्रों में न तो शिकायतकर्ता का नाम अंकित होता है और न ही कोई स्थायी पता लिखा होता है। ऐसे में इन गुमनाम शिकायत पत्रों की जांच व निपटारे में पुलिस विभाग का बहुमूल्य समय व्यर्थ होता है तथा जांच का कोई भी परिणाम नहीं निकल पाता।
उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय लिया गया कि सभी एसपी अपने कार्यक्षेत्रों में ऐसी शिकायता पत्रों की जांच करेंगे, जिनमें शिकायतकर्ता द्वारा अपना मोबाइल नंबर व आधार नंबर अंकित किया होगा। गुमनाम शिकायत पत्रों पर पुलिस विभाग द्वारा कोई भी कार्रवाई अमल में नहीं लाई जाएगी।
Latest
- CPS मामले में 8 व 9 मई को होगी सुनवाई, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता करेंगे पैरवी
- SJVN ने भारत के प्रथम बहुउद्देशीय ग्रीन हाइड्रोजन पायलट प्रोजेक्ट का किया उद्घाटन
- सेंट ल्यूक्स स्कूल में छात्र ने लैब से मिले काॅपर सल्फेट का किया सेवन, चंडीगढ़ रैफर
- Nahan में दुनिया के सबसे बड़े ड्रग तस्कर की भक्ति, SP ने दिखाई सहेजी गई तस्वीर
- HRTC की बस के टायर खुलने पर चालक का क्या कसूर, निलंबन के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी