मंडी, 01 सितंबर : समुद्र तल से तीन हजार मीटर की उंचाई पर 9.2 किमी लंबी सुरंग(worlds longest tunnel) का निर्माण(construction) करना किसी चुनौती(Challenge) से कम नहीं था। वो भी ऐसी स्थिति में जब एक छोर पर काम लगातार जारी था और दूसरे छोर पर सिर्फ छः महीने ही काम हो रहा था। हौंसले बुलंद थे और एक इतिहास रचना था, जिसे एफकॉन्स (Afcons) ने रच डाला। यह विश्व की सबसे लंबी ट्रैफिक टनल(Longest traffic tunnel) है। शाहपुरजी पलोनजी ग्रुप(Shapoorji Pallonji Group) की कंपनी एफकॉन्स और ऑस्ट्रिया(Austria) की कंपनी स्टारबैग ने संयुक्त रूप से इस टनल के कार्य को पूरा किया है।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी (Former Prime Minister Atal Bihari Vajpayee) ने कबायली जिला लाहुल स्पिति के लिए जो सपना देखा था उस सपने को साकार करने में 10 वर्षों तक दिन रात कड़ी मेहनत की गई। 2500 करोड़ की लागत से बनी रोहतांग टनल (अब अटल टनल) ने सिर्फ कबायली जिला लाहुल स्पिति के लिए वरदान बनेगी, बल्कि सामरिक दृष्टि (Strategic vision) से भी सेना के लिए अति महत्वपूर्ण साबित होगी।
एफकॉन्स के प्रोजेक्ट मैनेजर सुनील त्यागी(Project Manager Sunil Tyagi) ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि जो कार्य उन्हें बीआरओ(Borders Raod Organization) द्वारा सौंपा गया था आज उसे उन्होंने हजारों लोगों की मेहनत के साथ पूरा करके दिखाया है। सुनीत त्यागी बताते हैं कि टनल(tunnel) की खुदाई के वक्त एक नहीं बल्कि अनेकों चुनौतियों से उनका सामना हुआ। विकल्प कम थे और उन्हीं के सहारे कार्य पूरा करना था। दोनों छोरों से टनल की खुदाई(Digging) का कार्य शुरू करना पड़ा। मनाली(Manali) की तरफ से काम 12 महीने जारी रहता, लेकिन लाहुल की तरफ से सिर्फ 6 महीने ही काम करने के लिए मिल पाते थे। कभी भारी मात्रा में पानी के रिसाव(Water leakage) से सामना हुआ तो कभी भुरभुरे किस्म के पत्थरों से।
शुरूआती दौर में तो 0.41 किमी की खुदाई करने में ही चार साल(four Years) लग गए। इस पूरे कार्य में एक हजार से अधिक कर्मचारी और 150 इंजीनियरों ने काम किया। सुनील त्यागी ने परियोजना प्रबंधन(Project Management) और टनल निर्माण के हर पहलू में उनका सहयोग करने वाले बीआरओ, स्टारबैग कंपनी और सभी कर्मियों का आभार जताया है जिन्होंने राष्ट्र निर्माण के इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में अपना अमूल्य योगदान दिया।