बिलासपुर, 31 अगस्त : पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी(Former President Pranab Mukherjee) के निधन पर आज पुरा देश गमगीन है। उनका शांत स्वभाव व दुरगामी सोच किसी से छिपी नहीं है। हिमाचल प्रदेश(Himachal news) के जिला बिलासपुर में आज भी लोग उन्हें याद करते हैं। वर्ष 1992 में पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी यहां माता श्री नैना देवी के दरबार में नतमस्तक होने आए थे। इस दौरान उन्हें जब पुजारियों व स्थानीय लोगों से मंदिर परिसर में पेयजल संकट की समस्या बारे जानकारी मिली तो उन्होंने तुरंत ही उस समय एक बड़ा तोहफा पेयजल योजना का श्री नैना देवी के लिए स्वीकृत करवाया। उस समय श्री नैना देवी धार्मिक स्थल पर पेयजल का बहुत बड़ा संकट था। स्थानीय पुजारी स्थानीय लोगों ने उनसे मिलकर जब मांग की तो उन्होंने भी तुरंत पेयजल योजना स्वीकृत करने की घोषणा की। जिसके बाद यहां पानी मिल रहा है और आने वाले श्रद्धालुओं को लाभ मिला।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में कनाहर शहर के निकट मिराती गांव में11 सितंबर 1935 को हुआ था। उनके पिता एक सम्मानित स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने ब्रिटिश शासन काल की खिलाफत के परिणामस्वरूप 10 वर्षों से अधिक जेल की सजा भी काटी थी। भारत के 13 राष्ट्रपति रह चुके हैं 26 जनवरी 2019 को प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था। इससे पहले वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता रह चुके थे। आज पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर देश का हर नागरिक उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है।