शिमला, 27 अगस्त : 3 हजार से अधिक प्राथमिक सहायक अध्यापकों (Primary assistant teachers) को नियमित करने संबंधी याचिका पर सुनवाई करते हुए हिमाचल हाईकोर्ट(Himachal High Court) ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि इन शिक्षकों, जेबीटी(JBT) भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत नियमित किया जाए। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने अपने आदेशों में यह भी स्पष्ट किया है कि पैट अध्यापकों की नियमितीकरण इस याचिका के अंतिम निर्णय पर निर्भर करेगी। मामले की सुनवाई आगामी 21 सितम्बर को निर्धारित की गई है।
दरअसल प्रार्थी संतोष और अन्य द्वारा दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक सहायक अध्यापक को नियमित करने का निर्णय जेबीटी भर्ती एवं पदोन्नति नियमों और एनसीटीई के दिशा निर्देशों के विपरीत है। दलील दी गई है कि जेबीटी भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के अनुसार सिर्फ दो ही तरीके से भर्ती की जा सकती है, पहली कमीशन से और दूसरी बैच वाइज से और वो भी अनुबंध आधार पर। लेकिन राज्य सरकार द्वारा प्राथमिक सहायक अध्यापक को नियमों को ताक पर रख कर न केवल जेबीटी के केडर में शामिल किया जा रहा है बल्कि उन्हें सीधे नियमित किया जा रहा है।
याचिका के माध्यम से अदालत को बताया गया कि प्रार्थी जोकि कमीशन पास कर जेबीटी के पद पर अनुबंध आधार पर नौकरी कर रहे है और राज्य सरकार की पॉलिसी के अनुसार अपने नियमितीकरण कर इंतजार कर रहे है, वे प्राथमिक सहायक अध्यापक से वरीयता सूची में जूनियर हो जायेंगे। यही नहीं प्राथमिक सहायक अध्यापक की नियमितीकरण(Regularization) बिना टेट पास किये की जा रही है जोकि नियमों और एनसीटीई के दिशा निर्देशों के विपरीत है। एनसीटीई ने राज्य सरकार को बिलकुल स्पष्ट किया है कि स्कूल टीचर बनने के लिए टेट पास होना जरुरी है जिसमें किसी भी शर्त पर छूट नहीं दी जा सकती।