शिमला, 27 अगस्त : एसएमसी शिक्षकों को हिमाचल हाईकोर्ट(Himachal High Court) राहत नहीं मिल पाई है। हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों की ओर से दायर पुर्नविचार याचिका खारिज कर दी है। न्यायाधीश सुरेश्वर ठाकुर व न्यायाधीश चंद्र भुसन बारोवालिया की खंडपीठ ने बुधवार को यह आदेश पारित किए हैं। दरअसल पिछले दिनों हाईकोर्ट ने एसएमसी भर्ती संबंधित मामले में इन शिक्षकों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। इस पर एसएमसी शिक्षकों(SMC Teacher) ने पुनद्दवचार याचिका दायर की थी।
प्रार्थी कुलदीप कुमार व अन्यों ने सरकार द्वारा स्टॉप गैप अरेंजमेंट के नाम पर एसएमसी भद्दतया को हाईकोर्ट में यह कहते हुए चुनौती दी थी कि एसएमसी शिक्षकों की नियुक्ति गैरकानूनी हैं और यह सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) के आदेशों की सरासर अवहेलना है। उनकी दलील थी कि एसएमसी शिक्षकों की भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के विपरीत है। इससे सभी को समान अवसर जैसे मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है। दूसरी तरफ एसएमसी अध्यापकों का कहना था कि वे 2012 से हिमाचल के अतिदुर्गम क्षेत्रों में बिना किसी रूकावट के सेवाएं दे रहे हैं और उनका चयन प्रदेश सरकार ने नियमों के तहत किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार को छह महीने के भीतर नियमों के तहत शिक्षकों की नियुक्तियां करने के निर्देश दिए हैं।
उधर, एसएमसी शिक्षक संघ ने प्रदेश सरकार से उनके लिए नीति बनाने की पैरवी की है। संघ के प्रधान मनोज कुमार ने बताया है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने एसएमसी शिक्षकों को आश्वसत किया है कि इस मामले के समाधान के लिए सरकार कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। उन्होंने कहा कि एसएमसी शिक्षक हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनोैती नहीं देंगे।