नाहन, 26 अगस्त : 1621 में बसे ऐतिहासिक शहर में वाहनों का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है। केवल ओर केवल पार्किंग की दुहाई दी जाती है, लेकिन यह नहीं सोचा जाता कि सडक़ों किनारे पार्क किए गए खटारा वाहनों को भी हटाया जाना चाहिए। बहरहाल, अच्छी खबर ये है कि नगर परिषद सडक़ों के किनारे ऐसे प्वाइंट चिन्हित कर रही है, जहां पर ओपन पार्किंग उपलब्ध करवाई जाए। करीब-करीब 500 वाहनों की पार्किंग की व्यवस्था करने का लक्ष्य है, लेकिन यह समझ लेना होगा कि यह सुविधा निशुल्क नहीं मिलने वाली। इसके लिए नगर परिषद द्वारा 800 रूपए प्रतिमाह का शुल्क वसूला जाएगा। एक साल का शुल्क एक मुश्त ही जमा करवाना होगा। इसके बाद आपको सुविधा मिल जाएगी।
दरअसल, शहर में सडक़ों के किनारे पार्किंग निशुल्क होने की वजह से भी स्थिति बदत्तर हो रही है। कई लोग तो दो-दो वाहनों को सडक़ों के किनारे ही पार्क कर देते हैं। बुधवार को नगर परिषद की अध्यक्षा रेखा तोमर, कार्यकारी अधिकारी ठाकुर अजमेर सिंह, एसडीओ परवेज इकबाल व सुलेमान इत्यादि की टीम ने शहर के कुछ हिस्सों में निरीक्षण भी किया। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कार्यकारी अधिकारी ठाकुर अजमेर सिंह ने कहा कि इस बारे नगर परिषद के सदन में भी प्रस्ताव पारित हो चुका है। उन्होंने कहा कि अगर प्रयोग कामयाब रहता है तो शहर की सडक़ों पर पार्किंग नहीं होगी। केवल चिन्हित स्थानों पर ही पार्किंग संभव होगी। उन्होंने माना कि शहर की सडक़ें पार्किंग के चलते लगातार सिकुड़ती जा रही है।
कुल मिलाकर नगर परिषद के इस कदम को सराहनीय कहा जा सकता है। साथ ही जन सहयोग मिलने की सूरत में शहर के सौंदर्य को बहाल किया जा सकता है। इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए कि जो लोग सडक़ों के किनारे वाहन पार्क करने के बाद अकड़ दिखाते हैं, उन्हें इस बात का इल्म होना चाहिए कि आपातकालीन स्थिति में उनके परिवार को भी संकीर्ण सडक़ या ट्रैफिक जाम से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि लॉकडाउन के दौरान शहर की सडक़ें वाहन मुक्त हो गई थी। इसका मतलब यही है कि लोग अपने स्तर पर पार्किंग की व्यवस्था कर सकते हैं, लेकिन मुफ्त सुविधा की लालसा नहीं छोड़ पा रहे हैं।
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