नाहन (एमबीएम न्यूज): 40 मैगावॉट की रेणुका बांध परियोजना में जमीनों के कथित करोड़ों रुपए के घोटाले में आज विजीलेंस द्वारा हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तीन अधिकारियों के अलावा एक प्रशासनिक अधिकारी के बयान कलमबद्ध किए जा रहे हैं। जांच में सहयोग प्रदान करने के मकसद से मनाली की एसडीएम भी नाहन पहुंची हैं। जिस समय रेणुका डैम प्रबंधन ने जमीनों की खरीद की थी, उस वक्त मनाली की एसडीएम, जिला सिरमौर में बतौर जिला राजस्व अधिकारी तैनात थी।
सूत्रों के मुताबिक रेणुका डैम प्रबंधन के तत्कालीन महाप्रबंधक, उप महा प्रबंधक के अलावा नायब तहसीलदार के बयान कलमबद्ध किए जा रहे हैं। नायब तहसीलदार सेवानिवृत हो चुके हैं, जबकि प्रबंधन के तत्कालीन दो अधिकारी अब जिला में तैनात नहीं हैं। संयोग से मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह भी इस वक्त दो दिवसीय प्रवास पर सिरमौर में ही हैं। सूत्रों का कहना है कि इस कथित घोटाले में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि एचपीसीसीएल के अधिकारियों की मिलीभगत थी या नहीं। जहां तक प्रशासनिक अधिकारी के बयान का सवाल है तो उनसे केवल बतौर विशेषज्ञ ही बातचीत की जा रही है।
कुल मिलाकर यह तय माना जा रहा है कि इस मामले में जल्द ही विजीलेंस द्वारा कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है। सूत्रों ने यह भी बताया है कि आरोप साबित होने की सूरत में रिकवरी का कोई चांस नहीं है। अलबत्ता सजा ही प्रावधान है। गौरतलब है कि जमीनों के कथित घोटाले में विजीलेंस द्वारा पांच आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। उधर विजीलेंस के डीएसपी आरपी जसवाल ने पूछे जाने पर केवल इतना कहा कि कार्रवाई की जा रही है।