नाहन, 10 अगस्त: सिरमौर में कोरोना संक्रमित पाए जा रहे व्यक्तियों से जुड़ी अधूरी जानकारी के कारण लोगों में अधिक दहशत (Panic) फैल रही है। सोशल मीडिया (Social Media) में प्रतिक्रियाओं के आधार पर एमबीएम न्यूज नेटवर्क (MBM News Network) ने तीन जिलों द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही जानकारी की तुलना की। इसमें पाया गया कि कांगड़ा व सोलन प्रशासन (Administration) द्वारा मीडिया को सटीक तरीके से जानकारी उपलब्ध करवाई जा रही है, जबकि सिरमौर में महज औपचारिकता(formality) पूरी करने की कोशिश की जा रही है। जब तक मोहल्ला गोविंदगढ़ का सवाल था, तब तक संक्रमित की उम्र सहित संक्षिप्त जानकारी सही तरीके से उपलब्ध करवाई जा रही थी।
ऊर्जा मंत्री (Power minister) के संक्रमित मिलने का इनपुट (input) दिया गया था, जबकि खाद्य व आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर के संक्रमित पाए जाने को लेकर कोई अधिकारिक सूचना प्रशासन (Administration) ने देना मुनासिब नहीं समझा। सोमवार को भी कुछ ऐसा ही हुआ। दोपहर के वक्त 5 नए मामले आ गए, इसमें दो पुलिस अधिकारी(Police officers) भी शामिल थे। ऑनलाइन मीडिया में खबर प्रकाशित होने के काफी देर बाद प्रशासन ने केवल इतना कहा कि 5 नए मामले हैं, उम्र बताई गई। जबकि स्पष्ट जानकारी के बाद यह अपील की जानी चाहिए थी कि पुलिस अधिकारियों के संपर्क में आए लोग खुद को आइसोलेट कर लें।
आप यह भी जानकर हैरान होंगे कि पहले की तरह अब कुछ समय से अधिकारिक प्रेस विज्ञप्ति (Press release) भी जारी नहीं की जा रही। रविवार रात 7 मामले सामने आए। इसमें से 5 कालाअंब की एक फार्मा इकाई(Pharma Unit) से जुड़े हुए थे, लेकिन स्वास्थ्य व प्रशासनिक अधिकारियों ने कंपनी के नाम का खुलासा करने से इंकार कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों में आकस्मिक भय बढ़ता रहा, जो आज दोपहर तक भी सोशल मीडिया में नजर आ रहा था। स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रशासन को मिलने वाली जानकारी को ही मीडिया ग्रुप (Media group) में पोस्ट किया जाता है।
आप यह भी जानकर दंग होंगे कि 7 मामलों के बारे में केवल इतना कह दिया गया कि नाहन के आसपास के हैं, जबकि असल में 6 मामले तो सीधे ही कालाअंब से जुड़े हुए थे। ऐसे में जबरदस्त असमंजस के कारण लोगों में डर पैदा हो जाता है। सोशल मीडिया में लिखी एक पोस्ट में कहा गया कि यह बात समझ से परे है कि प्रशासन लोगों को स्पष्ट जानकारी क्यों नहीं देना चाहता। रविवार रात सवा 11 बजे केवल इतना कह दिया गया कि पांवटा साहिब के चार मामले हैं। वो कहां के हैं, इसको बताने की जहमत नहीं समझी जाती।
अगर स्वास्थ्य विभाग द्वारा शिमला से दिन में तीन मर्तबा मीडिया बुलेटिन (Media bulletin) न जारी किया जाता तो संभवतः स्थानीय स्तर पर प्रशासन को जानकारी उपलब्ध करवाने से कोई सरोकार ही नहीं होता। मीडिया बुलेटिन में नए मामलों का जिक्र कर दिया जाता है, लिहाजा मीडिया के व्हाटस एप्प ग्रुप (Whatsapp Group) में संक्षिप्त जानकारी पोस्ट करना मजबूरी बनता है। कुल मिलाकर 15 जुलाई के बाद से सिरमौर जबरदस्त तरीके से कोरोना की चपेट में है।
नाहन (Nahan) के बाद अब पांवटा (Paonta Sahib) साहिब में कहर टूटा है। आपको यह भी बता दें कि प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों का अधीनस्थ कर्मियों पर इस कदर खौफ है कि वो मीडिया के फोन रिसीव करने से भी कतराने लगे हैं। सोमवार दोपहर को भी पुलिस अधिकारियों के संक्रमण मामले में जानकारी को प्रशासनिक स्तर पर छिपाए जाने की वजह से कईयों ने गलत रिपोर्टिंग (Reporting) भी कर दी। ऐसा ही बीजेपी नेता बलदेव तोमर की रिपोर्टिंग को लेकर भी हुआ था।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. केके पराशर का कहना था कि रिपोर्ट प्रशासन को भेज दी जाती है। वो कोई भी जानकारी मीडिया को देने के लिए अधिकृत नहीं हैं। उधर जनसंपर्क व सूचना विभाग के अधिकारी भी बेबसी दर्शा रहे हैं।