नाहन (एमबीएम न्यूज): बच्चों के शारीरिक मानसिक यौन उत्पीड़न व शोषित बच्चों के पुर्नवास एवं उत्थान देखभाल एवं सुरक्षा के विषय पर आज मीडिया के साथ चर्चा हुई। चाइल्ड हेल्पलाइन सिरमौर के केंद्रीय समन्वयक दिनेश ठाकुर ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि जब भी आप किसी भी बच्चे को आपातकालीन स्थिति में देखें तो टोल फ्री नंबर 1098 पर कॉल करें। ठाकुर ने बताया कि आज तक चाइल्ड लाइन सिरमौर में कुल बच्चों से संबंधित 436 मामले दर्ज हो चुके हैं, जोकि बच्चों के शोषण से संबंधित है।
इन मामलों में गुमशुदा बच्चे, बाल श्रम, बाल विवाह, भीख मांगते बच्चे, अनाथ बच्चे, भावनात्मक सहयोगी, स्कूल छोड़ चुके, बाल आश्रय, अपंग व चिकित्सीय सहायता एवं सहयोग की जरूरत के बच्चों से संबंधित शामिल है। यौन शोषण के अधिकतर मामले स्कूलों से आ रहे हैं। ठाकुर ने कहा कि सभी मामलों को निपटाने में मुख्य रूप डीसी सिरमौर बीसी बडालिया व एसपी सौम्या सांबशिवान की तरफ से हर समय सहयोग रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी इरा तनवर ने भी जिला में बच्चों के मामलों को लेकर सकारात्मक सहयोग रहा है।
बाल मजदूरी के मामलों में श्रम अधिकारी राजेंद्र सिंह एवं श्रम निरीक्षक कमल सिंह ने बच्चों के बचाव में आपातकालीन कदम उठाए हैं। बच्चों की चिकित्सीय सहायता के लिए सीएमओ डा. संजय शर्मा ने विभाग की तरफ से प्रमुखता से बच्चों के उपचार में मदद की। उपनिदेशक प्रारंभिक शिक्षा विभाग एवं उपनिदेशक उच्च शिक्षा विभाग ने बच्चों के मामलों की गंभीरता को देखते हुए बहुत ही संवेदनशील है। बाल कल्याण समिति सिरमौर ने जिला में बच्चों से जुड़े सभी मामलों को निष्पक्षता व चाइल्ड फ्रेंडली न्याय दिया है। ठाकुर ने बताया कि चाइल्ड लाइन इस सप्ताह विशाल जागरूकता अभियान कार्यक्रम का आयोजन करेगा।
इसके तहत हस्ताक्षर अभियान, सुरक्षा बंधन, जागरूकता कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रों नाहन, पांवटा साहिब, शिलाई, ददाहू, राजगढ़ में होंगे। जरूरतमंद बच्चों के साथ पार्टी का आयोजन व रेणुका मेले के दौरान जागरूकता कार्यक्रम किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि अभी तक चाइल्ड लाइन को सबसे ज्यादा मामले बच्चों के शोषण से जुड़े प्राप्त हुए है। उन्होंने कहा कि बच्चों के पुर्नवास एवं उत्थान के लिए जिला में बच्चों के लिए अस्थायी शेल्टर होम की बहुत आवश्यकता है। इसके न होने के चलते यह मसला गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है।