शिमला : साइबर शातिरों के जाल में फंसे मंडी के बल्ह निवासी एक व्यक्ति ने 25.74 लाख रुपये गवां दिए थे। पश्चिमी बंगाल और बिहार के दो ठगों ने एक साल पहले हाई टैक तरीके से धोखाधड़ी को अंजाम दिया था। साइबर क्राइम पुलिस दोनों ठगों को गिरफ्तार कर चुकी है। दोनों अभी न्यायिक हिरासत में चल रहे हैं। पुलिस ने इस मामले में अदालत में चालान भी पेश कर दिया है।
अहम जानकारी यह है कि इस पूरे प्रकरण में एएसपी (ASP) साइबर क्राइम शिमला नरवीर राठौर(HPS Narveer Rathore) और उनकी टीम के प्रयासों से पीड़ित व्यक्ति के खाते में ठगी के 25.74 लाख रुपए हस्तांतरित हो गए हैं। इस मामले की जांच नरवीर राठौर की देखरेख में हुई। उन्होंने बैंक प्रबंधन को इस मामले में हुई ठगी के बारे में अवगत करवाया तथा ठगी की राशि को रिफंड करने के लिए पत्राचार किया।
डीआईजी (CID) विमल गुप्ता ने बताया कि 30 जुलाई को बैंक प्रबंधन ने 25.74 लाख की राशि शिकायतकर्ता के खाते में रिफंड कर दी है। शिकायत कर्ता ने साईबर पुलिस द्वारा सराहनीय कार्य करने के लिए डीजीपी को पत्र भी लिखा है।
मामले की जानकारी देते हुए डीआईजी विमल गुप्ता ने बताया कि भवन कुमार की शिकायत पर 23 अगस्त 2019 को मंडी के बल्ह थाना में आईपीसी की धाराएं (420, 120, 67सी व 68डी) सूचना अधिनियम 2000 के तहत मामला दर्ज हुआ था। यह मामला जांच के लिए राज्य साइबर क्राइम पुलिस थाना शिमला को सौंपा गया। एएसपी साइबर क्राइम नरवीर राठौर को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया।
शिकायतकर्ता के अनुसार अगस्त 2019 को वह पैसे निकालने के लिए नेरचौक गया था, लेकिन पैसे नहीं निकलने पर उसने पंजाब नेशनल बैंक के टाॅल फ्री नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज करवाई। अगले दिन अनजान नंबर से ठगों ने उसे फोन कर बतलाया कि वह पीएनबी बैंक(PNB BANK) से बोल रहे हैं। साइबर ठगों ने सोशल इंजीनियरिंग स्किल के द्वारा पीड़ित को झांसे में लिया और उसके खाते से लिंकड मोबाइल नंबर व डैबिट कार्ड की जानकारी हासिल कर ली। पीड़ित का बैंक खाते से लिंकड मोबाइल नंबर को ठगों ने वोडाफोन में फर्जी केवाईसी पर पोर्ट किया गया। इसके बाद ठगों ने मोबाइल बैंकिंग के द्वारा पीड़ित के दो पीएनबी खातों से 25.74 लाख रूपये भिन्न-भिन्न ई-वैलेट से टांसफर कर लिया। फिर ठगों ने ई-वालेट से यह रकम फिनो बैंक दो दर्जन खातों में टांसफर कर लिया।
उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी नरवीर सिंह राठौर ने पश्चिमी बंगाल में जाकर पोर्ट हुए नंबर व फिनो बैंक अकाउंट की जांच शुरू की तो जिनके नाम यह अकाउंट खोले गए हैं, उन लोगों ने पुलिस को बतलाया कि इनके नाम से यह जाली तौर पर खोले गए हैं। पोर्ट हुए मोबाइल नंबर को विशाल कुमार नामक वोडाफोन रिटेलर द्वारा जारी किया गया था। इसके बारे में पड़ताल करने पर खुलासा हुआ कि यह शख्स अपना दुकान का नाम गलत पत्ते पर दर्शाता है, लेकिन असल में यह ठग गोशाला मोड़ परूलिया में वोडा फोन मिनीस्टोर के नाम से चलाता है। पुलिस ने वहां रेड किया और ठग के कब्जे से 5 मोबाइल फोन, फिनो बैंक के एटीएम, वोडाफोन की सील बरामद किए। इन बरामद मोबाइल फोन में 200 लोगों की आधार कार्ड की डिटेल सेव मिली। पूछताछ में ठग ने पुलिस को बताया कि वह वोडोफोन का रिटेलर तथा फिनो बैंक का एजेंट है। फिनो बैंक ने इसे आईडी दी है। इसी ठग ने अलग-अलग लोगों की आईडी से बैंक में दो दर्जन खाते खोल लिए तथा इनके एटीएम कार्ड इसने दूसरे ठग प्रदुमण के हवाले किए थे। पुलिस ने 22 फरवरी 2020 को पश्चिमी बंगाल के पुरूलिया से ठग विशाल कुमार को गिरफ्तार किया, जबकि इसके साथी ठग प्रदुमण को बिहार के बेगूसराय से 24 फरवरी 2020 को गिरफ्तार किया गया। प्रदुमण के कब्जे से छह मोबाइल फोन, 34 अलग-अलग मोबाइन कंपनियों के सिम कार्ड, फिनो बैंक के 5 एटीएम, एक्सिज बैंक के 2 क्रैडिट कार्ड, एक लाॅपटाॅप और 3 लाख रूपये बरामद किए हैं। दोनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और इनके विरूद्व कोर्ट में चालान पेश कर दिया गया है।
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