शिमला, 01 अगस्त: सूबे में समय से पहले दस्तक देने के बाद जून के आखिरी दिनों में जोरदार ढंग से बरसने वाले मानसून की रफ्तार जुलाई में काफी थम गई। प्रदेश में जुलाई के महीने में मानसून की 28 फीसदी कम बारिश हुई है। आलम यह रहा कि 12 में से 10 जिलों में मानसून की सामान्य से भी कम बारिश दर्ज हुई है। ऐसे में अब बारिश के लिए सिर्फ अगस्त का ही भरोसा रह जाएगा।
मौसम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक सूबे में दक्षिण-पश्चिमी मानसून 24 जून को पहुंचा था। इस वर्ष जुलाई में 202.9 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पूरे राज्य में सामान्य से 28 फीसदी कम रही। 12 जिलों में से बिलासपुर व कुल्लू जिलों में सामान्य से अधिक बरसात हुई। बिलासपुर में जहां सामान्य से 25 फीसदी अधिक बादल बरसे। वहीं कुल्लू में सामान्य से 12 फीसदी कम बरसात हुई। लाहौल-स्पीति में सामान्य से 71 फीसदी कम बरसात हुई। इसी तरह चंबा में सामान्य से 69 फीसदी कम, सिरमौर में 45 फीसदी कम, मंडी में 34 फीसदी कम, कांगड़ा में 32 फीसदी कम, किन्नौर में 19 फीसदी कम, हमीरपुर में 14 फीसदी कम, शिमला में 11 फीसदी कम, उना में 8 फीसदी और सोलन में 5 फीसदी कम बारिश दर्ज हुई।
जुलाई के महीने में दो दिन ऐसे भी रहे, जब राज्य में कहीं भी मेघ नहीं बरसे। पहली जुलाई और 14 जुलाई को दो शूष्क दिन रहे। मौसम विभाग के मुताबिक हिमाचल प्रदेश में मानसून के दो स्पैल पहली से 13 जुलाई और दूसरा स्पैल 15 से 31 जुलाई तक हुए। इस अवधि में अधिकांश दिनों में मध्यम से भारी वर्षा हुई। जुलाई के महीने में दो दिन ऐसे थे, जिनमें बहुत भारी वर्षा हुई। 25 जुलाई को घुमारवीं में 225 मिमी बारिश दर्ज हुई, जबकि 29 जुलाई को यहां 160 मिमी बारिश दर्ज की गई। 25 जुलाई को बैजनाथ में 142 मिमी बरसात हुई।
इस बीच बीते 24 घंटों की बात करें, तो सिरमौर के पांवटा साहिब में सर्वाधिक 86 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा उना में 80, कसौली में 60, धर्मशाला में 45, बलद्वारा में 36, जोगेंद्रनगर में 30, भराड़ी में 25, हमीरपुर में 22, गोहर में 20, घुमरूर में 18, मंडी व बैजनाथ में 14 मिमी बारिश रिकार्ड हुई है।
बारिश रिकार्ड हुई। मौसम विभाग ने मैदानी इलाकों में 4 अगस्त तथा मध्यपर्वतीय क्षेत्रों में 4 व 5 अगस्त को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। राज्य में सात अगस्त तक बादलों के बरसने की उम्मीद जताई गई है।