सोलन, 28 जुलाई : भाजपा के नेताओं में ज़मीन विवाद पर चल रही जद्दोजहद के बीच नगर परिषद के पूर्व पार्षद मनीष कुमार ने बीच पत्रकार वार्ता को संबोधित किया है,जिसमे बड़े नेताओं पर ऊँगली उठाते हुए स्वयं के खिलाफ साजिश रचने का इलज़ाम लगाया। मनीष कुमार ने कहा कि उन्हें मीडिया के ज़रिए बिचौलिया साबित कर उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि वे खुद किसी भी तरह की देनदारी और लेनदारी में शामिल नहीं है। उन्होंने सोलन(Solan) के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के नाम लेते हुए उन्हें राजनीतिक मोहरा बना डालने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा की अगर जांच एजेंसी निष्पक्ष जांच करेगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो सकता है। मनीष ने कहा वे बतौर गवाह ही इस इकरारनामे( Land Agreement) में शामिल थे और गवाही भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के आदेश पर भरी थी।
उन्होंने बताया कि उन्होंने बार- बार पार्टी नेताओं से परमिशन लेकर जल्द रजिस्ट्री करवाने की बात कही थी। मनीष ने कहा कि उनकी पार्टी के स्थानीय वरिष्ठ नेताओं से भी कोई बात नहीं हुई है और वो करेंगे भी नहीं, क्योंकि उन्हें इस वक़्त स्थानीय नेताओं से बात करने का ये सही समय नहीं लग रहा। मनीष ने प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर(Jairam Thakur) व पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा(JP Nadda) से आग्रह किया है कि पुलिस जांच के अतिरिक्त पार्टी अपने स्तर पर भी इसकी जांच करवाए ताकि उस व्यक्ति का पता चले जो पार्टी को इतना नुक्सान पहुंचा रहा है।
बता दे बीजेपी ने पार्टी कार्यालय के निर्माण के लिए 2016 में 90 लाख से जमीन खरीदने का सौदा किया था जिसके लिए 85 लाख का भुगतान भी किया था। लेकिन इस साल मालिक ने इसे किसी अन्य व्यक्ति को 26 लाख के आसपास बेच दिया था। सवाल इस बात पर भी उठ रहा था कि अपनी सरकार होने के बावजूद भी बीजेपी जमीन की रजिस्ट्री क्यों नहीं करवा पाई।