संगड़ाह: जिला सिरमौर की सबसे ऊंची चोटी चूड़धार जाने वाले श्रद्धालुओं पर अब प्रशासन से रोक लगा दी है। सावन की सक्रांति के उपलक्ष पर हजारों श्रद्धालु भारी संख्या में आराध्य देव के दर्शन करने पहुंचे थे लेकिन कोरोना की महामारी के मध्यनजर प्रशासन ने श्रद्धालुओं के चूड़धार जाने पर रोक लगा दी है। देश के अलग-अलग हिस्सों से श्रद्धालु यहाँ आराध्य देव शिरगुल महाराज के दर्शन करने आते है। लेकिन कोरोना महामारी के चलते सभी श्रद्धालुओं को न जाने पर विवश कर दिया। महामारी के चलते प्रशासन द्वारा पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाया गया है।
बावजूद इसके कई लोग चोरी-छिपे चूड़धार पहुंच रहे हैं मगर वहां पहुंचने पर यह लोग शिरगुल महाराज के दर्शन किए बगैर ही वापस लौट रहे है रहे हैं क्योंकि मंदिर कपाट को प्रशासन ने बंद किया है। जो लोग चोरी छिपे जाने वाले लोगों के लिए ना कोई ठहरने की व्यवस्था व खाने पीने की व्यवस्था दी जा रही है।बता दे की नवंबर 2019 से 15 अप्रैल 2020 तक चूड़धार मंदिर के कपाट भारी बर्फबारी के चलते बंद किए थे मगर अब कोरोना के कारण कपाट फिर बंद कर दिए गए है।
हिमाचल की धर्मिक यात्राओं में शुमार चूड़धार समुद्र तल से लगभग 12000 की ऊंचाई पर स्थित है। नौहराधार से लगभग 15 किलोमीटर की खड़ी चढ़ाई चढ़कर श्रद्धालु शिरगुल महाराज के दर्शन करने के लिए पहुँचते थे। ऐसा इतिहास में पहली बार हुआ है कि 3 महीने के अंतराल में लोग शिरगुल महाराज के दर्शन करने नहीं जा पा रहे है। श्रद्धालुओं के मन में यह सवाल भी उठ रहे है की 2020 में श्रद्धालु अपने आराध्य देव के दर्शन कर पाएगें या नहीं। बतया जा रहा है की यात्राएं स्थगित होने के कारण रास्ते में ढाबा संचालकों को भी भारी नुकसान होता दिख रहा है।
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