नाहन : सावन के पहले सोमवार यानि 13 जुलाई को महाबली “द ग्रेट खली” (The Great Khali) लंबे अरसे बाद घर पहुंचे हैं। इस बार खास बात यह है कि रिंग में बड़े-बड़े सूरमाओं को चित्त करने वाले खली पूरी तरह से भोले शंकर के रंग में ही रंगे हुए हैं। नैनीधार (Nainidhar) की चोटी पर स्थित शिरगुल महाराज (Shirgul Maharaj) के मंदिर में खली ने भोले शंकर का स्मरण किया। खुलासा करते हुए कहा कि आज वो जो कुछ भी हैं, केवल शंकर भगवान की बदौलत हैं। अन्यथा, वो द गे्रट खली नहीं होते।
बता दें कि भगवान शिरगुल खली के कुल देवता हैं, जिनका चूड़धार चोटी (Churdhar) पर प्राचीन मंदिर है। खली का गांव नैनीधार ठंडी वादियों में स्थित है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में खली का कहना था कि पिछले कई दिनों से भोले शंकर के मंदिर आने के भाव थे। यही वजह रही कि कुछ दिन का समय निकाल कर घर आए हैं। एक सवाल के जवाब में खली ने कहा कि लगभग एक साल बाद गांव आए हैं। इससे पहले साल में दो मर्तबा गांव का कार्यक्रम निश्चित था। उल्लेखनीय है कि द ग्रेट खली के पास हालांकि यूएसए (USA) की नागरिकता भी है, लेकिन अधिकतर वक्त पंजाब के जालंधर स्थित अपनी अकादमी में ही बिताते हैं। इन दिनों एक प्रोजैक्ट पर भी कार्य कर रहे हैं।
खली ने कहा कि खुशी की बात है कि उनके गांव में मंदिर तक सड़क पहुंच गई है। अफसोस इस बात का है कि वो भरसक प्रयासों के बावजूद भी अपने पैतृक क्षेत्र में अकादमी नहीं खोल पाए। उनका कहना था कि वो लगातार प्रयास करते हैं कि सोशल मीडिया के टूल्स के माध्यम से अपने प्रशंसकों (Fans) से जुड़े रहें, जिनके वो सदैव आभारी रहेंगे। भोले शंकर के आशीर्वाद के साथ-साथ प्रशंसकों का भी एक अमूल्य योगदान है।
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