शिमला : हिमाचल के प्रवेश द्वार पर्यटकों के लिए खोलने के जयराम सरकार के फैसले के विरोध में कांग्रेस पार्टी(Congress party ने सोमवार को शिमला में राज्य सचिवालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया और सरकार को चेताया कि इस फैसले को नहीं पलटा गया, तो कांग्रेस पार्टी सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन करेगी। कोरोना काल में कांग्रेसियों के इस प्रदर्शन से छोटा शिमला-संजौली सड़क पर वाहनों का लंबा जाम लग गया। कांग्रेस ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उपायुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भी सौंपा।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर(Pradesh Congress President Kuldeep Singh Rathore) ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए जयराम सरकार पर तीखे हमले किए। राठौर ने कहा कि हिमाचल की सीमाएं खोलने के सरकार के निर्णय से प्रदेश के लोगों में कोरोना को लेकर डर और भय फैलता जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश में पर्यटन एवं अन्य व्यवसाय के विरोधी नही है, लेकिन अभी इस माहमारी के प्रति पूरी तरह सचेत रहने की आवश्यकता है तथा सरकार को जनहित में इस फैंसले पर पुनर्विचार करना चाहिए।
राठौर ने कहा कि प्रदेश में होटल व्यवसायी व अन्य कारोबारी भी अभी होटलों को खोलने के पक्ष में नही है। ऐसे में यह निर्णय तब तक टाल दिया जाना चाहिए जबतक की देश मे इस माहमारी का प्रकोप खत्म नही हो जाता। उन्होंने कहा कि एक समय था जब प्रदेश में एक भी कोविड संक्रमित नही था जो अब 1200 पार कर चुका है। इस माहमारी से 9 लोगों की जान भी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों की सही ढंग से स्वास्थ्य जांच न होना इसके फैलाव का मुख्य कारण रहा है। अगर कोविड-19 के सभी सुरक्षा मानकों का सही ढंग से सीमाओं पर पालन किया जाता तो आज प्रदेश इस गंभीर समस्या से बच सकता था।
राठौर ने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश को कोरोना डेस्टिनेशन(Corona destination) नही बनने दिया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि प्रदेश में कोरोना के सभी प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करते हुए इसकी रोकथाम के लिए कड़े कदम उठाए जाएं। प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करना सरकार की पूरी जिम्मेदारी है। सीमाओं पर इतनी कमजोर व्यवस्था है कि लोग फर्जी तरीके से प्रवेश कर रहें है।
कांग्रेस पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए ज्ञापन में बसों में 25 प्रतिशत में किराया वृद्वि के प्रस्ताव को रद्द करने, बिजली बिलों में 125 यूनिट्स के ऊपर की गई बढ़ोतरी को वापिस लेने, राशन की सब्सिडी से बाहर किये गए एपीएल परिवारों को पुनः शमिल करने व डीजल पेट्रोल की कीमतें कम करना इत्यादि मांगें शामिल हैं।