शिमला: बस किराया बढ़ाए जाने के मुददे पर निजी बस ऑपरेटर यूनियन(Private bus operator union of Himachal) खुलकर सामने आ गई है। यूनियन(union) ने स्पष्ट किया है कि जयराम सरकार पर उनकी तरफ से किराया बढ़ाने का कोई दवाब नहीं बनाया जा रहा है। निजी बस ऑपरेटरों ने ऐसी कोई चेतावनी नहीं दी है कि सरकार अगर किराया नहीं बढ़ाएगी, तो वे बसें खड़ी कर देंगे। यूनियन का कहना है कि कोरोना संकट के बीच प्रदेश में जो बस आपरेटर सक्षम हैं, वे अपनी बसें चला रहे हैं।
निजी बस ऑपरेटर यूनियन हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष राजेश पराशर और महासचिव रमेश कमल ने आज शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में यह बात कही। उन्होंने कहा कि निजी बस ऑपरेटरों का भी यह मत है कि किराया बढ़ाकर जनता पर बोझ न डाला जाए। अलबता सरकार उनके हित के लिए कुछ करना चाहती है तो आपरेटरों को आर्थिक सहायता प्रदान करे और डीजल में सब्सिडी दे ताकि घाटे में भी वे अपनी बसों को चला सकें।
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में खर्चा निकालना बहुत मुश्किल हो रहा है और निजी ऑपरेटर पहले की तरह बसें चलाने में असमर्थ हैं। डीजल की कीमतों में पिछले कुछ अरसे से भारी वृद्धि हुई है। अब सरकार के हाथ में है कि वो आपरेटरों को किस तरह मदद पहुंचा सकती है।
राजेश पराशर ने कहा कि कोरोना लाॅकडाउन ने निजी बस आपरेटरों को तोड़ कर रख दिया है। अप्रैल माह में एक निजी बस ऑपरेटर्स ने घुमारंवी में आत्महत्या कर ली थी। दो दर्जन से अधिक बस आपरेटर अपनी बसें बेचने के लिए तैयार हैं। इनमें कई तो मनरेगा में दिहाड़ी लगाने को मजबूर हो गए हैं।
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