शिमला : प्रदेश की जय राम सरकार एक बार फिर निजी बस ऑपरेटरों(Private bus operators) के सामने नतमस्तक होती नजर आई है। कैबिनेट ने बसों का किराया 25 फ़ीसदी तक बढ़ाने का फैसला किया है। हालांकि एमबीएम न्यूज नेटवर्क(MBM News Network) द्वारा ट्रांसपोर्ट मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर(Transport Minister Govind Singh Thakur) से संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन बात नहीं हो पाई। निजी बस ऑपरेटर बसों का किराया 50 फीसदी बढ़ाने की मांग कर रहे थे। अनलॉक के दूसरे चरण में बसों में 100 फीसदी सवारियां बिठाने के आदेश के बाद भी कई निजी ऑपरेटरों ने घाटे का हवाला देकर बसों का संचालन ठप्प रखा है। दूसरी ओर एचआरटीसी की तरफ से भी किराया बढ़ोतरी की पैरवी की गई थी। मौजूदा समय में राज्य में परिवहन का सारा दारोमदार एचआरटीसी ही संभाल रहा है, लेकिन उसे भारी घाटा हो रहा है।
हालांकि उस समय बसों में 60 फ़ीसदी सवारियों को बैठाने की व्यवस्था सरकार ने की थी बाद में इसमें छूट दे दी गई थी। कोरोना संकट में आम लोग पहले ही कई मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।अब बसों के किराए में बढ़ोतरी उसे उनकी और परेशानी बढ़ेगी।
दीगर है कि जयराम सरकार के कार्यकाल में दूसरे मर्तबा बसों का किराया बढ़ाया गया है। वहीं कुछ आम लोगों का यह भी कहना है कि सरकार इस बात को भी गहराई से देखें कि क्या निजी बसों द्वारा यात्रियों को सफर के दौरान किराए में डिस्काउंट(Discount) देकर आकर्षित किया जाता है या नहीं अगर ऐसा है तो कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए क्योंकि पथ परिवहन निगम के परिचालक इस तरह के डिस्काउंट का ऑफर नहीं कर सकते हैं।