कालाअंब: आखिरकार, सिरमौर के साथ-साथ सीमांत राज्य हरियाणा के नारायणगढ़, सढौरा, जगाधरी व यमुनानगर में कोरोना संक्रमण के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार ऑरिसन फार्मास्यूटिकल पर लंबी जद्दोजहद के बाद मामला दर्ज कर लिया गया है। हालांकि संक्रमण का खामियाजा कंपनी के मालिक को पत्नी व बेटे सहित खुद भी भुगतना पड़ रहा है। लेकिन कथित लापरवाही की वजह से दो राज्यों के प्रशासन व स्वास्थ्य अधिकारियों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ा।
हैरान कर देने वाली बात यह है कि सरकारी आदेश की भी कंपनी ने खुलकर अवहेलना की। बता दें कि कालाअंब के इंसीडेंट कमांडर व तहसीलदार नारायण सिंह चौहान द्वारा तीन मर्तबा कारण बताओ नोटिस जारी किए गए, मगर इसका कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया। यहां तक की कंपनी ने प्रशासन को कामगारों की सही संख्या के बारे में भी सूचित नहीं किया। दीगर है कि कंपनी के कर्मचारियों व उनके संपर्क में आए तकरीबन तीन दर्जन लोग संक्रमित हुए थे। पुलिस बार-बार यही कह रही थी कि इंसीडेंट कमांडर की शिकायत मिलने के बाद ही मामला दर्ज किया जा सकता है।
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सूत्रों के मुताबिक शनिवार को प्रशासन ने एक विस्तृत रिपोर्ट को पुलिस के हवाले कर दिया। इसमें आईपीसी 188, 269 के अलावा आपदा अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई। प्रशासनिक जांच में इस बात का खुलासा हुआ था कि कंपनी ने उद्योग को चलाने के लिए कामगारों की संख्या का लेकर कोई अनुमति नहीं ली थी। चूंकि कंपनी में पहुंचने के लिए हिमाचल का कोई भी बैरियर रास्ते में नहीं आता है, संभवतः इसका ही जमकर फायदा उठाया गया। फिलहाल यह भी सस्पेंस ही है कि कंपनी में हाई लोडिड वायरस कैसे पहुंचा था। उधर एसपी अजय कृष्ण शर्मा ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है।