नाहन: विकास खंड में कालाअंब मार्ग पर स्थित आम्बवाला गांव के रसीले आम आपका जायका बनने को तैयार हैं। तुड़ान के साथ-साथ पैकिंग शुरू हो चुकी है। इस साल बंपर फसल थी, मगर तूफान व मौसम के मिजाज की वजह से फसल को नुकसान भी पहुंचा। बावजूद इसके फसल को संतोषजनक माना जा रहा है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क द्वारा जुटाई गई जानकारी के अनुसार 7 किस्म के आम तैयार है। इसमें लंगड़ा, मालदा, दषहरी, सफेदा, आम्रपाली, रामकेला व चौसा शामिल हैं।
हर साल ठेकेदार ही इस इलाके में बगीचों के ठेके लेने पहुंचते थे, लेकिन इस बार इक्का-दुक्का ही ठेकेदार आए हैं। लिहाजा, खुद ही बागवानों ने पैकिंग व बिक्री की जिम्मेदारी को उठाया है। एक-दो दिन के भीतर हाईवे के किनारे भी आमों की टोकरियां सजनी शुरू हो जाएंगी। दावा है कि आम्बवाला के इलाके का आम समूचे क्षेत्र में जायके में सबसे स्वादिष्ट है। किसान व बागवान रूधिर चौहान का कहना है कि अकेले आम्बवाला में ही एक ही परिवार द्वारा लगभग 350 बीघा भूमि में आम के बगीचों को सहेजा जाता है।
हालांकि अब तक यह फैसला नहीं लिया गया है कि किन मंडियों में आम को भेजा जाएगा, लेकिन प्राथमिकता नारायणगढ़ व सोलन को दी जाएगी, वहीं नाहनवासियों को रियायती दरों पर आम उपलब्ध करवाने के लिए खुदरा की जिम्मेदारी भी खुद उठाने की योजना बनाई जा रही है। इससे जहां बागवानों को सीधा फायदा मिलेगा, वहीं ग्राहक को भी रियायती दर पर आम उपलब्ध होगा। उधर इलाके के अन्य बागवानों का यह भी कहना है कि क्षेत्र के आम का स्वाद अन्यों की तुलना में बेहतर है।
उल्लेखनीय है कि लाॅकडाउन की वजह से विक्रमबाग क्षेत्र के एक स्ट्राॅबेरी उत्पादक ने अपनी फसल को सीधे ही नाहन में ग्राहकों तक पहुंचाया था। इससे शहरवासियों को स्ट्राॅबेरी 40 से 100 रुपए किलो की दर से उपलब्ध हुई थी।