नाहन: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा जमा दो के नतीजे के बाद राज्य के मेधावी छात्रों से जुड़ी सफलता की कई दास्तां सामने आ रही हैं। इसी बीच आर्टस संकाय में 8वां रैंक हासिल करने वाली रीतिका सरस्वती का एक ऐसा पहलू सामने आया है, जो अपने आप में ही एक मिसाल है। दरअसल, शिलाई तहसील के हलाहं क्षेत्र के पंजोड़ गांव की रहने वाली रीतिका अपने दो भाईयों के साथ नाहन में एक किराए के मकान में रहती है। छोटे भाई नवीन सरस्वती ने भी हाल ही में दसवीं की मैरिट में 8वां स्थान हासिल किया था। बड़ा भाई प्रवीण इस समय बीए द्वितीय वर्ष का छात्र है।
आप खुद ही इस बात का अंदाजा लगा लीजिए कि अगर रीतिका को घर के घरेलू कार्य न करने पड़ते तो वो मैरिट सूची में ऊपर भी हो सकती थी। पहला स्थान हासिल करने वाली श्रुति कश्यप ने 491 अंक हासिल किए तो रीतिका को 480 अंक मिले। रीतिका बखूबी जानती है कि उसे निरुत्साहित होने की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि लाइफ का फंडा आठवीं कक्षा में ही क्लीयर कर लिया था। आपको बता दें कि ट्रांसगिरि के नाया पंजोड़ के जिस क्षेत्र से रीतिका ताल्लुक रखती है, वहां से एचएएस व एचपीएस बनने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है।
गांव से प्रशासनिक अधिकारी बनते देख बचपन से ही रीतिका ने एचएएस अधिकारी बनने का सपना देख लिया था। लॉकडाउन के दौरान गांव में भी पशुओं को चराने व घास काटने का कार्य बखूबी कर रही है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में रीतिका का कहना था कि वो अपनी सफलता से संतुष्ट है। रीतिका ने कहा कि हालांकि बड़े भाई के सानिध्य में वो पढ़ाई को आगे बढ़ाती रही। अक्सर उसे भी खाना बनाने के अलावा अन्य कार्य करने ही पड़ते थे।