शिमला : कोरोना से जूझ रहे हिमाचल में सेब सीजन के दौरान लेबर का पुख्ता इंतजाम करने के लिए प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सेब सीजन को देखते हुए प्रदेश सरकार नेपाल से मजदूरों को लाने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ने केंद्रीय विदेश मंत्री से मामला उठाया है। राज्य सरकार नेपाल से मजदूरों को लाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करने को भी तैयार है। उन्होंने कहा कि सेब सीजन शुरू होने तक मजदूरों की समस्या का हल हो जाएगा।
वह शुक्रवार को शिमला में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली सालगिरह पर आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट के समय में भी भारत मजबूती के साथ खड़ा है। यूरोपियन देशों की तूलना में साधनों की कमी के बावजूद हमारा नेतृत्व मजबूत है तथा पीएम का हौसला देश के लोगों को आगे पढने की प्रेरणना देता है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने सत्त में आने के बाद ऐतिहासिक कार्य किए हैं। मोदी ने उड़ी हमले, पुलवामा हमले का जवाब सर्जिकल स्ट्राईक व एयर स्ट्राईक के माध्यम से दिया। तीन तलाक व धारा 370 व 35ए को समाप्त किया। नागरिक संशोधन विधेयक को पारित कर पड़ोसी देशों में प्रताडित हिन्दू, सिख, ईसाई, जेन आदि धर्म के लोगों की नागरिगता का रास्ता प्रशस्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संकट के दौर में प्रधानमंत्री ने समय रहते महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिससे देश के लोगों के जीवन को इस वायरस से बचाया जा सका है। प्रधानमंत्री के जनता क र्यू से लॉकडाउन तक के सभी निर्णयों का देश के लोगों ने सम्मान किया तथा पूरा सहयोग भी दिया। इसी का परिणाम है कि देश में यूरोपियन देशों की तुलना में मृत्यु दर कम है तथा रिकवरी रेट बेहतर है। विश्व की प्रति लाख 4.5 प्रतिशत मृत्यु दर की तुलना में भारत में यह दर 0.3 प्रतिश है। संकट के इस समय में विदेश में फंसे लोगों को घर पहुंचाने के लिए वंदे भारत व समुद्र सेतु अभियान चलाया।
52 लाख से प्रवासियों को 3840 श्रमिक ट्रेनों के माध्यम से उनके घर पहुंचाया। शुरू में कोरोना बिमारी से लडने के लिए देश में अधिकांश वस्तुओं का उत्पादन नहीं होता था, लेकिन दो माह में पीपीई किट, वेंटीलेटर व एन 95 मास्क के उत्पादन में देश आत्मनिर्भर बन गया है। देश में एक माह में 1.50 लाख बिस्तरों वाले कोविड अस्पताल को बनाया तथा 16 हजार से अधिक वैंटीलेटर बिस्तरे तैयार किए। कोरोना जांच की क्षमता को बढ़ाया है। अकेले हिमाचल में ही टेस्टिंग क्षमता 1500 प्रति दिन हो गई है।