शिमला : राज्य सरकार से कनिष्ठ कार्यालय सहायक के पद पर तैनात दर्जनों युवाओं ने सवाल पूछा है। इसमें पूछा गया है कि एक पद व एक समय पर कार्य कर रहे युवाओं के वेतन में असमानता क्यों है। कुसुम शर्मा, अमित कंवर, अजय नेगी, दलीप शर्मा, सुरजीत पुंडीर, विनोद रावत व बलदेव शर्मा आदि ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कनिष्ठ कार्यालय सहायकों के पदोन्नति नियम अधिसूचित किए गए थे।
इसमें पहले 5910+1950 का प्रावधान किया गया। इसके बाद 10,300+3200 के स्केल से पदोन्नत किया जाना था। युवाओं का कहना है कि उन्हें लिपिकों के रिक्त पड़े पदों के विरुद्ध रखा गया है। लिपिकों को 5910+1950 के वेतन के बाद दो वर्षों में नियमित कर दिया जाता है, जिन्हें 10,300 +3200 मिलते हैं। अब जब कनिष्ठ कार्यालय सहायक भी लिपिक के पद पर कार्यरत हैं तो उनको क्यों दो साल बाद पदोन्नति नहीं दी जा रही। उन्होंने पदोन्नति नियमों में संशोधन की मांग की है।
लिपिकों के पद पर दो साल पूरा कर चुके कनिष्ठ सहायकों को भी 10,300+3200 का लाभ दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अन्याय के विरुद्ध अपने अधिकारों को हासिल करने के लिए आंदोलन की नीति भी बनाई जा सकती है।