नाहन : हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव विश्वराज चौहान का कहना है कि राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग निदेशालय के कथित भ्रष्टाचार को दबाने की कोशिश कर रही है। चौहान ने कहा कि इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंप दी जानी चाहिए या फिर जांच को हाईकोर्ट की निगरानी में किया जाना चाहिए, जैसा गुडिया मामले में हुआ था। उन्होंने कहा कि सरकार की मदद से ही निलंबित निदेशक डाॅ. अजय कुमार गुप्ता आज जमानत लेने में कामयाब हो गए हैं।
चौहान ने आरोप लगाया कि जमानत न मिलने की सूरत में बीजेपी की भ्रष्टाचार में संलिप्तता की पोल उजागर हो सकती थी। चौहान ने कहा कि उन्होंने 27 मई को जारी अपनी एक प्रेस विज्ञप्ति में भी इस बात की आशंका जाहिर की थी कि सरकार इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं करवाना चाहती। चौहान ने कहा कि सरकार के रवैये से आम जनता को भी आघात पहुंच रहा है, जो भ्रष्टाचार के इस मामले की असली सच्चाई जानना चाहती है।
चौहान ने कहा कि अभी निदेशालय में उपकरणों व सामान की खरीद के घोटाले की जांच भी नहीं हुई है, इसी बीच सेनिटाइजर की खरीद का घोटाला भी सामने आ गया है। उन्होंने कहा कि जयराम सरकार राजधर्म की पालना करने में भी असफल हुई है।