नाहन : हालांकि भाजपा के शीर्ष नेता डॉ राजीव बिंदल के इस्तीफे को लेकर राजनीतिक हलकों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। मगर हकीक़त यह है कि डॉ राजीव बिंदल खुद भी इस बात को कई दिन पहले ही भांप गए थे कि उन्हें इस्तीफा देना पड़ सकता है। इस्तीफे से पहले महज चंद रोज में ही संगठन के भीतर 200 से अधिक नियुक्तियां हो गई। एक अहम बात यह भी है कि बिंदल ने खुद ही अपने इस्तीफे का ऐलान करने में देरी नहीं की, शायद वो इसके लिए पहले ही मानसिक तौर पर तैयार थे। बताते चले कि शिमला के राजनितिक घटनाक्रम के बाद डॉ बिंदल वापस नाहन लौट आए है।
चर्चा ये भी है कि निदेशक की गिरफ्तारी के बाद शीर्ष नेता ने दिल्ली पत्र लिखा था, जिसके बाद ही बिंदल को यह संकेत मिलने लगे थे कि उन्हें हटाया जा सकता है। स्टेट विजिलेंस एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने भ्रष्टाचार के मामले में पहले स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डॉ अजय गुप्ता को गिरफ्तार किया। निदेशक को स्वास्थ्य के चलते आईजीएमसी में दाखिल कर दिया गया। जैसे ही विजिलेंस ने डॉ.गुप्ता को पुलिस रिमांड पर लिया तो हलचल शुरू हो चुकी थी। अब तक इस बात पर पर्दा ही डाला हुआ है कि पुलिस रिमांड के दौरान डॉ गुप्ता ने किन बातों का खुलासा किया है। अचानक ही डॉ. राजीव बिंदल द्वारा इस्तीफा देने से प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया।
इस्तीफे से अगले दिन क्रमबद्ध तरीके से पहले डॉक्टर राजीव बिंदल ने वीडियो जारी कर खुद को पाक साफ बताया। इसके बाद सोशल मीडिया में डॉ. बिंदल के समर्थन में कार्यकर्ता सामने आने लगे। अब ताज़ा घटनाक्रम में बिंदल के घर से भाजपा ने एकजुट होकर यह संदेश देने का कोशिश की है कि पूरी भाजपा उनके साथ खड़ी है। वीरवार को मुख्यालय में जिलाभर से कांग्रेसी जुटे तो आज का दिन भाजपाईयों का था। सांसद सुरेश कश्यप, खाद्य आपूर्ति निगम के उपाध्यक्ष बलदेव तोमर व पांवटा साहिब के विधायक सुखराम चौधरी भी नाहन पहुंच गए। जिला अध्यक्ष विनय गुप्ता के नेतृत्व में पत्रकार वार्ता भी बुलाई गई। दीगर है कि धूमल सरकार के वक्त में भी डॉ राजीव बिंदल को विवादों के चलते स्वास्थ्य मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।
उधर कर्मचारी संगठन खुलकर बिंदल के समर्थन में उतरने लगे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि डॉ बिंदल तेजतर्रार नेता है, पूर्व डिप्टी एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने लिखा कि जयराम सरकार को भी बिंदल की रिवर्स गुगली का इंतजार करना होगा। दीगर है कि कांग्रेस के साथ मिलकर विशेष सत्र की मांग करने वाले भाजपा विधायकों को प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते सख्त तेवर दिखाए थे। दीगर है कि बिंदल का भाजपा अध्यक्ष का कार्यकाल चार महीने 18 दिन का रहा है। वापस घर लौटने के बाद मिलने वालो का तांता लगा हुआ है। बिंदल ने इस्तीफे को लेकर अब तक कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं बुलाई है बल्कि समर्थक ही बयान दे रहे हैं।