शिमला : राज्य के शिक्षा महकमे ने निजी स्कूलों की फीस को लेकर गाइडलाइन जारी कर दी हैं। 7 बिंदुओं के दिशा-निर्देश में यह साफ किया गया है कि टयूशन फीस भी केवल उन कक्षाओं क छात्रों से ली जाएगी, जिन्हें ऑनलाइन पढ़ाई करवाई गई है। टयूशन फीस के अलावा किसी भी मद में वसूली नहीं की जाएगी। टयूशन फीस को भी त्रैमासिक आधार पर डिमांड नहीं किया जाएगा। केवल मासिक आधार पर ही इसे लिया जा सकेगा। यह भी साफ किया गया है कि टयूशन फीस में कोई भी बढ़ोतरी नहीं की जाएगी। अन्य कोई भी अपरोक्ष शुल्क नहीं लिया जाएगा।
बिल्डिंग, मेंनटेनेंस, स्पोर्टस व अन्य गतिविधियों के फंड को लाॅकडाउन की अवधि में स्थगित रखा गया है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर वित्तीय कारणों से कोई छात्र ऑनलाइन पढ़ाई की फीस नहीं चुकता कर पा रहा तो उस छात्र को पढ़ाई से वंचित नहीं किया जाएगा। एक अहम बात में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अगर टयूशन फीस भी नहीं जमा करवाई जा सकी तो इस पर देरी शुल्क नहीं लागू होगा। साथ ही छात्र का नाम स्कूल से नहीं काटा जाएगा।
उधर अंतिम बिन्दू में शिक्षा विभाग ने यह भी हिदायत दी है कि निजी स्कूलों द्वारा टीचिंग व नाॅन टीचिंग स्टाफ के वेतन को नहीं रोका जाएगा। साथ ही किसी भी तरह की कोई कटौती नहीं होगी। इसके पीछे फंड की कमी का तर्क स्वीकार्य नहीं होगा। इस बाबत 27 मई को शिक्षा विभाग ने अधिसूचना जारी की है।