शिमला: राज्य सरकार ने कोरोना महामारी में एक योद्धा बनकर दायित्व निभा रही आशा वर्कर्स का हौसला अफजाई करने का प्रयास किया है। कोरोना में कार्य करने के लिए आशा वर्कर्स को सरकार ने 1000 प्रतिमाह लाभ देने का फैसला लिया है। मार्च से जून महीने तक सभी आशावर्करों को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रतिमाह 1000 रूपये दिए जाएंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है। प्रदेश में इस समय 7834 आशा वर्कर्स है।
यह वही आशा वर्कर्स हैं जिन्होंने एक्टिव केस फाइंडिंग अभियान में एक सक्रिय भूमिका निभाई थी। उस समय खुद को संक्रमण से बचाने के लिए भी उनके पास जरूरी सामान मौजूद नहीं था। इस समय क्वारंटाइन किए जा रहे लोगों की निगरानी में भी आशा वर्कर्स अहम भूमिका निभा रही है। उधर स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव निपुण जिंदल ने पुष्टि करते हुए कहा कि आशा वर्कर्स को अतिरिक्त वित्तीय लाभ देने का फैसला लिया गया है। इस बारे अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।
आशा वर्कर्स को यह वित्तीय लाभ मार्च से जून अवधि के बीच दिया जाएगा। यानी 4 महीनों के लिए आशा वर्कर्स को 4000 प्रति माह भुगतान किया जाएगा। इस फैसले से सरकार पर तीन करोड़ 20 लाख का अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। आशा वर्करों की बदौलत चले एक्टिव केस फाइंडिग अभियान की कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्य सरकार की पीठ थपथपाई चुके हैं। बता दें कि प्रदेश भर में आशावर्कर के तौर पर काम कर रही हजारों महिलाओं द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के लिए जागरूकता, संदिग्ध मरीजों की त्वरित पहचान एवं फाॅलोअप कार्य किया जा रहा है।