रिकांगपिओ : एक तरफ जहां कोरोना संकट के दौरान बाहरी क्षेत्रों में फंसे हिमाचलियों को अपने प्रदेश में लाने के लिए सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार से सुविधाएं दी जा रही हैं, बावजूद इसके कुछ लोग फर्जी ई-पास बनाकर अपनी व अपने परिवार की जान जौखिम में डाल रहे हैं। ऐसा ही मामला किन्नौर में सामने आया जब जाली ई-पास बना कर एक व्यक्ति पश्चमी बंगाल से किन्नौर पहुंच गया।
एसडीएम कल्पा डॉ. मेजर अविन्दर शर्मा ने बताया कि संदीप विश्वास निवासी गांव सुबासु पोली गर, जिला नोरटु-24 परगणा वैस्ट बंगाल जो कि सांगला बाजार में मोबाइल रिपेयर की दुकान करता है। वह जनवरी माह में अपने घर पश्चिम बंगाल चला गया था। 21 मई को अपनी मोटरसाइकिल (डब्ल्यू बी.24ए-5779) पर पश्चिम बंगाल से तमाम बैरियर्स को पार करता हुआ किन्नौर के सांगला अपने परिवार के पास पहुंच गया। प्रारंभिक जांच में उसने मेडिकल एमरजेंसी को लेकर शिमला से सांगला के लिए ई-पास अप्लाई किया था, जिसके बाद वह सांगला पहुंचा।
पश्चिम बंगाल से शिमला तक पहुंचने के मामले की भी इंक्वायरी करने पर मालूम हुआ कि वाराणसी, नारायणगढ़ व ऊना आदि पुलिस बैरियरों को लांघता हुआ शिमला पहुंचा। पुलिस ने संदीप विश्वास के विरुद्ध झूठी सूचना देने, क्वारंटाइन नियमों का उल्लंघन करने को लेकर पुलिस थाना सांगला मे 188, 269, 270 आईपीसी तथा 51,52 आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत मामला दर्ज करके छानबीन शुरु कर दी है।