मंडी: पिछले कल जिला में कोरोना वायरस के चार नए मामलों ने प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की परेशानी बढ़ा दी है। डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने इन मामलों को लेकर आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि चार पॉजिटिव मरीजों में से एक महिला ऊना से वापिस अपने घर आई थी जबकि तीन अन्य मरीजों की कोई ट्रैवल हिस्ट्री सामने नहीं आई है। जो महिला ऊना से आई थी वह गोहर उपमंडल की रहने वाली है। यह महिला बीते 12 दिनों से होम क्वारंटाइन में थी। वहीं थुनाग उपमंडल के युवक, बल्ह उपमंडल की बुजुर्ग महिला और सदर उपमंडल के बुजुर्ग की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है।
दो लोग जोनल हॉस्पिटल मंडी की फ्लू ओपीडी में जांच करवाने गए थे, जहां से इनके सैंपल लिए गए थे। जबकि गोहर वाली महिला की तबीयत खराब होने पर उसके घर जाकर ही उसका सैंपल लिया गया था। बल्ह वाली महिला मेडिकल कॉलेज नेरचौक में ही उपचाराधीन थी जहां से इसका सैंपल लिया गया था। डीसी ने बताया कि ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि इन संक्रमित व्यक्तियों के परिवार में ही किसी को कोरोना हो सकता है जिसके चलते परिवार के सभी सदस्यों के आज ही सैंपल लेकर जांच के लिए भेजे जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि इन लोगों में कोरोना वायरस कैसे आया और जल्द ही इस का पता लगा लिया जाएगा। जो लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं उनके घर से तीन किमी के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित करते हुए इसे पूरी तरह से सील कर दिया गया है। बल्ह उपमंडल की महिला पहले से बीमार थी। इसने जिला के दो नीजि अस्पतालों में भी अपना उपचार करवाया था। इसलिए इन नीजि अस्पतालों की ओपीडी को फिलहाल बंद कर दिया गया है। पूरे अस्पतालों को सेनेटाइज किया जा रहा है। वहीं अस्पताल में जिन-जिन लोगों से संपर्क हुआ था उनके बारे में भी पूछताछ शुरू कर दी गई है।
डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि इन कोरोना संक्रमित व्यक्तियों के बारे में सोशल मीडिया में कुछ अफवाहें फैलाई जा रही हैं जो पूरी तरह से तथ्यहीन हैं। इन्होंने ऐसे लोगों को चेताया है कि पुलिस इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी और कोई भी व्यक्ति इस तरह की अफवाहों को न फैलाए। डीसी मंडी ने बताया कि अभी तक जिला में साढे 8 हजार लोग बाहरी प्रदेशों से आ चुके हैं और इन्हें क्वारंटाइन में रखा गया है। अब लोगों के आने का क्रम काफी कम हो गया है।