शिमला : लॉकडाउन के बीच हिमाचल विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग को लेकर बुधवार को विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार को शिमला में ज्ञापन सौंपा गया। सत्तापक्ष व विपक्ष के विधायकों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर ज्ञापन सौंपा और मांग उठाई कि कोरोना के मद्देनजर उत्पन्न हालात पर चर्चा के लिए दो व तीन दिन का विशेष सत्र बुलाया जाए।
ज्ञापन सौंपने के बाद विस परिसर में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि कोरोना को लेकर प्रदेश जिन हालातों में गुज़र रहा है और सरकार ने इस महामारी से निपटने के लिए जो भी इंतज़ाम किये हैं। उन पर विस्तृत चर्चा के लिए 2 व 3 दिन का विशेष सत्र बुलाने की मांग की गई है। कोरोना की वजह से गत 23 मार्च को विधानसभा का बजट सत्र बीच में ही स्थगित करना पड़ा था। अब दो महीने पूरे हो रहे हैं। सरकार ने कोरोना से बचाव के दृष्टिगत जो कदम उठाए हैं, उन्हें लेकर प्रदेश के लोगों में भी जिज्ञासा है तथा उस पर सदन में चर्चा होनी चाहिए। ताकि सरकार का पक्ष भी जनसाधारण को पता लगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस मुद्दे को सियासत से जोड़ कर न देखा जाए। विपक्ष का मकसद कोविड के खिलाफ लड़ाई लड़ना है।
वहीं भाजपा विधायक राकेश पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ही देश में ऐसा राज्य है जहां के सभी विधायक अपना पूरा वेतन कोरोना फंड में दे रहे हैं। कहा कि कोरोना पर विशेष सत्र बुलाने की मांग सत्तापक्ष व विपक्ष की तरफ से संयुक्त रूप में की गई है। सत्र के माध्यम से हिमाचल प्रदेश सरकार के महामारी के खिलाफ उठाये जा रहे कदमों और आगे की रणनीति की जानकारी जनता तक पहुंचेगी। यह मुद्दा राजनीतिक नहीं है,बल्कि प्रदेश के लोगों के साथ जुड़ा है।