बद्दी : हिमाचल पुलिस विभाग द्वारा उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले कर्मियों को डीजीपी डिस्क अवार्ड व उत्कृष्ट सेवा मैडल प्रदान किए जाते हैं। इसी कड़ी में इस बार भी ऐसे कर्मियों के नाम की सूची जारी हुई है। लेकिन इस सूची में बद्दी के एसएचओ लखबीर सिंह व कांस्टेबल गुरमेल सिंह का नाम शामिल न होने से क्षेत्र के लोगों में मायूसी है।
जिला परिषद सोलन के चेयरमैन धर्मपाल चौहान, प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य कैप्टन डीआर चंदेल, डॉ. श्रीकांत शर्मा, भारतीय मजदूर संघ के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मेला राम चंदेल, इंटक के प्रदेशाध्यक्ष बबलू पंडित, जनशक्ति मजदूर सभा के प्रदेशाध्यक्ष राज कुमार चौधरी, पंचायत प्रधान एसोसिएशन के अध्यक्ष एंव प्रधान पोला राम चौधरी, मानपुरा के प्रधान कुलदीप कौर, संडोली के प्रधान भाग सिंह चौधरी, नगर परिषद बद्दी के चेयरमैन नरेंद दीपा समेत क्षेत्र के लोगों ने एसएचओ लखबीर सिंह व कांस्टेबल गुरमेल को सम्मानित किए जाने की मांग उठाई है।
जनप्रतिनिधियो व लोगों का कहना है कि जान की बाजी लगाने वाले दोनों पुलिस जवानों को सम्मान मिलना चाहिए ताकि उनका हौसला और मनोबल बना रहे। लोगों की मानें तो पुलिस को शायद कोई भूल हो गई है, जिसके चलते एसएचओ व कांस्टेबल का नाम सूची में नहीं डाला गया है।
जानकारी के अनुसार अगस्त 17, 2019 को ग्राम पंचायत मानपुरा के गांव मानकपुर में एक रिहायशी मकान पर डंगा गिर गया था। जिसमें मकान के अंदर सो रहे बाप-बेटे की मौत हो गई थी, वहीं एक महिला मलबे में दब गई थी।
सूचना मिलने के बाद एसएचओ लखबीर सिंह टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे और जैसे ही उन्हें पता चला की मलबे के नीचे दबी महिला जीवित है, तभी एसएचओ लखबीर सिंह और कांस्टेबल गुरमेल ने एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमों का इंतजार किए बिना बचाव कार्य शुरू किया। हालांकि बाद में एनडीआरएफ और दमकल विभाग की टीमें भी पहुंच गई थी। 9 घंटे के रैस्क्यू ऑपरेशन के बाद मलबे के नीचे दबी महिला को बाहर निकाला गया था। लेकिन इस पूरे मामले में एचएचओ व कांस्टेबल ने अहम भूमिका निभाई थी, जिसकी क्षेत्र में जमकर प्रशंसा भी हुई थी। उन्होंने बिना जरूरी उपकरणों के ही ऑपरेशन को समय पर शुरू किया था, जिसके चलते महिला की जान बची थी।
उधर, कोरोना महामारी में एसएचओ लखबीर सिंह फ्रंट लाइन वॉरियर की भूमिका भी निभा रहे हैं। बद्दी जैसे संवेदनशील क्षेत्र में उन्होंने अपनी क़ाबलियत को साबित किया है। इस संकट की घड़ी में ड्यूटी के साथ-साथ एसएचओ मानवता और जनता के मसीहा के रूप में अपनी पहचान बना चुके हैं। एक बच्ची, महिला और मानसिक रूप से परेशान महिला समेत कई लोगों की सहायता कर एसएचओ लखबीर सिंह ने डयूटी के साथ साथ मानवता की मिसाल पेश की है।