धर्मशाला : ट्राई सिटी चंडीगढ़ में लॉकडाउन की दुश्वारियों से निकलकर सकुशल घर पहुंचे कांगड़ा जिला के विभिन्न क्षेत्रों के 60 विद्यार्थियों ने कहा वेलडन हिमाचल सरकार। उन्होंने कहा कि संकटपूर्ण समय में हमें सकुशल घर पहुंचाने में हिमाचल सरकार ने पूर्ण मदद की है। हिमाचल सरकार के सफल प्रयासों के फलस्वरूप ट्राई सिटी चंडीगढ़ में लॉकडाउन में फंसे हिमाचल के कांगड़ा जिला के 60 विद्यार्थियों को एचआरटीसी की बसों के माध्यम से हेल्थ चैकअप के पश्चात सकुशल उनके परिजनों तक पहुंचाया गया है।
इन विद्यार्थियों के अभिभावकों ने भी बाहरी राज्यों में फंसे विद्यार्थियों को घर वापिस लाने के निर्णय की सराहना की है तथा जयराम सरकार का आभार भी व्यक्त किया है। हिमाचल से कई विद्यार्थी प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग के लिए ट्राई सिटी चंडीगढ़ का रूख करते हैं। इस दौरान कई विद्यार्थी नर्सिंग तथा अन्य ट्रेनिंग के लिए भी पंजाब की ट्राई सिटी में डटे हुए हैं। ये विद्यार्थी पेईंग गैस्ट हाउस या रूम लेकर वहां ठहरते हैं। कई विद्यार्थियों की खाने की व्यवस्था ढाबों पर ही होती है। लॉकडाउन की घोषणा के बाद इन विद्यार्थियों की दुश्वारियां बढ़ना लाजिमी था। ढाबे बंद होने से कई विद्यार्थियों के पास खाना बनाने की व्यवस्था नहीं तो कई विद्यार्थियों के पास खर्च करने के लिए पॉकेट मनी भी खत्म हो चुकी थी।
इसी बीच हिमाचल सरकार ने बाहरी राज्यों में रह रहे विद्यार्थियों एवं रोजगार गंवा चुके लोगों की घर वापिसी की कार्य योजना तैयार की और हेल्पलाइन नंबर भी सबके सांझा किए गए। 26 अप्रैल के बाद चरणबद्ध तरीके से एचआरटीसी की बसों के माध्यम से सामाजिक दूरी और मेडिकल चैकअप के बाद विद्यार्थियों एवं अन्य फंसे हिमाचली लोगों को लाने का सिलसिला आरंभ किया गया। इस निर्णय से कई परिवारों की चिंताएं भी खत्म हुई हैं और विद्यार्थियों ने भी राहत भरी सांस ली है। ट्राई सिटी चंडीगढ़ में जॉब ट्रेनिंग के लिए गए कांगड़ा जिला के पालमपुर उपमंडल के मल्केहड़ निवासी 25 वर्षीय दीपेंद्र मिश्रा ने सरकार की मदद से घर वापिस पहुंचने पर सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ट्राई सिटी चंडीगढ़ में वह जॉब ट्रेनिंग के लिए गया था।
लॉकडाउन होने के चलते वहीं अकेला रूम में फंस गया है। उसके रूम में रहने वाले अन्य पंजाब युवक पहले ही अपने घरों तक पहुंच चुके थे। इस दौरान उसको काफी दिक्कतों से जूझना पड़ा। हिमाचल वापिस जाने की राह देख रहा था। इस बीच हिमाचल सरकार द्वारा हिमाचल वापिसी के लिए हेल्प नंबर जारी किए गए। उन नंबरों पर संपर्क करने के पश्चात उनको 26 अप्रैल को हिमाचल सदन चंडीगढ़ में कोविड-19 के प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए एचआरटीसी की बस के माध्यम से सोलन लाया गया। वहां पर एचआरटीसी की बस में लाए गए सभी विद्यार्थियों का पूरा मेडिकल चैकअप किया।
सत्संग भवन में उन सबके रहने की सरकार द्वारा बेहतर इंतजाम भी किया गया था।यही नहीं सुबह के ब्रेकफास्ट के साथ फूड पैक भी उनको दिए गए। बसों के माध्यम से ही कांगड़ा जिला में पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने हिमाचल के लोगों के प्रति मानवीय संवेदनाएं रखते हुए बेहतरीन कार्य किया है। इसी तरह से नगरोटा बगबां के पठियार की नोमिता चौधरी ने भी सरकार की पहल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मोहाली में नर्सिंग इंस्टीट्यूट में कार्य करने के साथ-साथ कोचिंग सेंटर भी ज्वाइन किया है। लेकिन लॉकडाउन के पश्चात सैलरी की चिंता और जेब खर्च खत्म होने पर पेइंग गैस्ट हाउस में भोजन की व्यवस्था कर पाना भी मुश्किल हो गया था। लेकिन राज्य सरकार उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर आई।
हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करने के बाद उनको हिमाचल सदन से एचआरटीसी की बस के माध्यम से सोलन और उसके बाद कांगड़ा पहुंचाया गया। इस दौरान सरकार द्वारा सभी इंतजाम बहुत बेहतर रहे। उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें अपने घर सकुशल पहुंचा कर सच में वेलडन वाला कार्य किया है। अभिभावकों सुनील शर्मा, अश्वनी कुमार, सुरेश कुमार, प्रेम चंद ने भी बच्चों की सकुशल घर वापिसी पर प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार ने बेहतरीन निर्णय लिया है। अब हम सबका फर्ज है कि हम हिमाचल में सामाजिक दूरी की अनुपालना करें। घर से बेवजह बाहर नहीं निकलें। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों को मानकर सरकार तथा प्रशासन को अपना सहयोग सुनिश्चित करें।