सोलन : कोरोना महामारी के चलते हुई तालाबंदी के दौरान पिछले करीब दो माह से ऑटो चालकों के ऑटो खड़े है। ऑटो चालकों को अब अपने परिवार का पालन-पोषण करना मुश्किल नज़र आ रहा है। ऑटो चालकों का कहना है कि वह ऑटो से ही अपने परिवार का खर्चा चलाते है, लेकिन अब वह ऑटो ना चलने के कारण परेशानी में आ गए हैं। उन्होंने सरकार से इस बारे उचित कदम उठाने की मांग की है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय में प्रतिदिन 300 ऑटो चलते है, जिससे 300 लोगों को रोजगार मिलता है। लेकिन तालबंदी के दौरान ऑटो खड़े है। ऑटो चालकों को रोजी रोटी की चिंता सताने लगी है। ऑटो चालकों ने सरकार से मांग की है कि वह अपने ऑटो में सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखेंगे व समय-समय पर सेनिटाइजेशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ना तो वह किराया बढ़ाएंगे व कोरोना महामारी के दौर में सरकार की पूरी मदद करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार ऑटो संचालको के लिए उचित रणनीति तैयार करे ताकि ऑटोचालकों को परिवार चलाने मे आ रही समस्याएं दूर हो सके।
ऑटो यूनियन के प्रधान दिनेश शर्मा ने बताया कि पिछले करीब दो माह से उनके ऑटो खड़े है, जिससे उन्हे आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई उचित कदम उठाए ताकि वह अपने घर खर्च चलाने में सक्षम हो सके। ऑटो यूनियन के सचिव मोहन लाल ने बताया कि पूरे प्रदेश में 4200 के करीब ऑटो चलते है जिनके परिवारों पर रोटी के लाले पड़े हुए है।
उन्होंने कहा कि वह सरकार के साथ है व जो सरकार निर्णय लेंगी उन्हे मान्य होगा, बस ऑटो को चलाया जाए। दो गज की दूरी के नियमों का वह ऑटो में पूर्ण पालन करेंगे। किराया भी नहीं बढ़ाया जाएगा। लेकिन उनके रोजगार को शुरू किया जाए। ऑटो यूनियन के उपप्रधान वेद प्रकाश ने बताया कि उनका कामकाज ठप होने से उन्हें अपनी जरूरतें पूरी करने में परेशानी आ रही है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि उन्हें ऑटो चलाने की परमिशन दी जाए या ओरों की तरह आर्थिक मदद की जाए।