शिमला : हिमाचल के डीजीपी एस.आर.मरड़ी ने कहा है कि कई मकान मालिक लाॅकडाउन में किरायेदारों को किराए के लिए तंग कर रहे हैं। किरायेदारों पर एडवांस किराया देने का दबाव बनाया जा रहा है। एक साल तक का एडवांस किराया मांगा जा रहा है। कोरोना को लेकर पैदा हुए हालात में मकान मालिकों का यह व्यवहार शोभनीय नहीं है।
मरड़ी ने शनिवार को जारी वीडियो संदेश में कहा कि लाॅकडाउन में कई लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ा है, तो कईयों को वेतन नहीं मिल रहा है। लोग मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। इन परिस्थितियों में मकान मालिकों का इस तरह से पेश आना उचित नहीं है। उन्होंने मकान मालिकों से आग्रह किया कि वे किरायेदारों की दुख तकलीफ़ समझें और किराए की एडवांस पेशकश न करें।
डीजीपी ने क्वारेंटाइन नियमों पर स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि देश के रेड जोन क्षेत्रों से हिमाचल आने वालों को ही इंस्टीच्यूशन क्वारेंटाइन में रखा जाना अनिवार्य है। छह-सात दिन बाद ऐसे लोगों के कोरोना के टैस्ट लिए जाएंगे और रिपोर्ट नेगेटिव आने पर इन्हें होम क्वारेंटाइन में भेजा जाएगा। होम क्वारेंटाइन का कड़ाई से पालन करना होगा।
उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि रेड जोन से आए कुछ लोग क्वारेंटाइन की शर्तों का पालन नहीं कर रहे हैं। कहा कि बीते दिनों मुंबई से उना जिला के हरोली पहुंचा एक युवक कोरोना पाॅजिटिव पाया गया। इस युवक ने मुंबई की बजाय आरेंज जोन मोहाली से उना आने का झूठा पास बनाकर अपने परिवार को भी खतरे में डाला है और उसके विरूद्ध केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हरकतें निंदनीय हैं। बाहर से आ रहे लोगों को अपनी ज़िम्मेदारी समझनी चाहिए।
मरड़ी ने कहा कि विदेश में फंसे हिमाचली लोग वापिस आने के लिए दिल्ली में हिमाचल भवन के रेजिडेंस कमीशनर के कार्यालय से संपर्क करें।