शिमला : परिवहन मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा है कि 18 मई से शुरू होने वाले लाॅकडाउन के चौथे चरण में केंद्र की गाइडलाइन पर राज्य में बसें व पब्लिक ट्रांसपोर्ट चलाने का फैसला लिया जाएगा। कैबिनेट में चर्चा के बाद सरकार तय करेगी कि कितनी मात्रा में बसों को चलाया जाएगा। कोरोना के लंबे समय तक चलने की सूरत में हमें कोरोना के बीच जीवन जीने का अभ्यास डालना पड़ेगा। लोगों की सुविधा के लिए बसों की आवाजाही होना आवश्यक है। साथ में सामाजिक दूरी की भी पालना करनी होगी, ताकि कोरोना से पूरी तरह बचाव रहे। लाॅकडाउन में एचआरटीसी को 130 करोड़ का घाटा हो चुका है। परिवहन मंत्री शुक्रवार को शिमला में पत्रकारों से बात कर रहे थे।
उन्होंने बस किराया बढ़ोतरी की खबरों का खंडन करते हुए कहा कि सरकार का फिलहाल किराया बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, न ही इस तरह का प्रस्ताव परिवहन विभाग की तरफ से आया है। पिछले दो दिनों से परिवहन विभाग के अधिकारियों के साथ उनकी वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए कोई बैठक भी नहीं हुई। गोविंद सिंह ने कहा कि बसों की आवाजाही के लिए एचआरटीसी प्रबंधन ने मुकम्मल व्यवस्था कर ली है। चालकों व परिचालकों के लिए 16 हजार होम मेड मास्क बनाए गए हैं। वहीं इतने माॅस्क अभी और बनाए जाएंगे। प्रत्येक चालक व परिचालक को हफते के लिए दो-दो माॅस्क दिए जाएंगे।
सोडियम हाइडोक्लोराइड का भी पर्याप्त मात्रा में इंतजाम किया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से बसों का फ्रंट दरबाजा बसों के चालकों व परिचालकों के लिए ही रखा जाएगा। हर बस में सैनेटाइजर उपलब्ध करवाया जाएगा। इसी तरह बस अड्डों पर कोरोना से सचेत करने के काउंटर स्थापित होंगे।