हमीरपुर: जिला में सबसे पहले कोरोना संक्रमण से ग्रसित एक महिला और पुरुष पूरी तरह ठीक होने के बाद अपने घर पहुंच गए है। घर पहुंचते ही दोनों परिवार के सदस्यों की आंखें खुशी के मारे आंसुओं भर आईं। करीब 28 दोनों लोग अपने परिवार से दूर रहे हैं। अपनों से दूर रहने का दर्द दोनों लोगों और परिजनों की आंखों में स्पष्ट दिखाई दे रहा था। परिवार के सदस्यों ने सादगी के साथ दोनों लोगों की घर वापसी पर स्वागत किया।
बता दें कि हमीरपुर की बजूरी पंचायत में प्रवासी ठेकेदार की पत्नी और नादौन उपमंडल के तहत आती ग्राम पंचायत जोल सप्पड़ में एक निजी स्कूल का प्रिंसिपल की 17 अप्रैल को कोरोना जांच के लिए लिया गया सैंपल पॉजिटिव आने के बाद दोनों को भोटा स्थित राधा स्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल में स्थापित कोविड- केयर सेंटर में भर्ती करवाया गया था। 30 अप्रैल को दोनों लोगों के सैंपल नेगेटिव आए। प्राइमरी और सेकेंड्री सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद दोनों को संस्थागत क्वारंटाइन सेंटर में रखा गया।
दोनों का संस्थागत क्वारंटीन पीरियड पूरा होने के बाद दोनों को स्वास्थ्य करार देते हुए घर भेज दिया गया। दोनों लोगों का कोई यात्रा इतिहास नहीं रहा है। जिसके चलते जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग 28 दिन के बाद भी दोनों लोगों में कैसे कोरोना वायरस प्रवेश किया, इसका पता नहीं लगा पाया है। दोनों लोगों की घर वापसी पर संबंधित पंचायत के लोगों में भी खुशी की लहर है। उधर, उपायुक्त हमीरपुर हरिकेश मीणा ने कहा कि हमीरपुर में सबसे पहले सामने आए दो कोरोना संक्रमित महिला और पुरुष पूरी तरह ठीक होने के बाद अब घर भेज दिए गए हैं।
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