सिराज : थुनाग की ग्रांम पंचायत शिकावरी के गांव गुनास की अति निर्धन परिवार से संबंध रखने वाली विधवा महिला रूपू देवी पत्नी स्व. नरपत राम का अचानक बीपी हाई होने के कारण दौरा पड़ा। जिसे सीएचसी बगस्याड से जोनल अस्पताल मंडी रैफर किया गया था। समय करीब 3 बजे मंडी के डॉक्टरों ने उसे शिमला रैफर कर दिया, जिसके लिए पीडि़त परिवार को एंबुलेंस की सख्त जरूरत थी तो परिवार जनों ने तुरंत उसी समय 108 नंबर पर भी सूचना दे दी थी। शाम 7 बजे तक एंबुलेंस प्रदान नहीं की गई। डॉक्टरों द्वारा उन्हें बताया गया कि एंबुलेंस 6 से 7 घंटे बाद मिलेगी। मगर तब तक वे अपने मरीज को कहां और किस हाल में रखेंगे यह बहुत बड़ा सवाल था।
इस गंभीर समस्या के बारे पैरा लीगल वालंटियर थुनाग लीलाराम ने बताया कि उन्होंने टैलीफोन के माध्यम से डीसी त्र्ऋग्वेद ठाकुर तथा जिला चिकित्सा अधिकारी जीवानंद चौहान से दो-दो बार बात की। मगर मात्र आश्वासन के साढ़े 4 घंटे कुछ नहीं हो पाया। उसके बाद उन्होंने डीसी के व्हाट्सएप नंबर पर शिकायत लिखित भेजी तथा मुख्यमंत्री संकल्प सेवा हैल्पलाइन 1100 पर पीडि़त परिवार से संबंधित शिकायत दर्ज करवाई गई।
लीलाराम ने बताया कि उन्होंने इस समस्या पर सीएमओ से दोबारा बात की तो सीएमओ ने बताया गया कि उनकी एंबुलेंस शिमला रोगी को लेकर गई है, जिसके लिए पीडि़त परिवार को इंतजार करना होगा या फिर निजी एंबुलेंस भी कर सकते हैं। डीसी के व्हाट्सएप नंबर पर भी इसी शिकायत को भेजा गया, जहां से 1077 पर कॉल करने के लिए कहा गया था। फिर 1077 पर भी फोन करके अपनी पूरी समस्या बताई जहां से पीडि़त परिवार के साथ आए हुए लोग सीएमओ के कार्यालय में मिलने को कहा गया। वहां भी उन्होंने कहा कि इंतजार करना ही पड़ेगा।
शाम करीब 6 बजे लीलाराम के द्वारा एडीएम श्रवण मांटा से टैलीफोन के माध्यम से इस समस्या बारे जानकारी दी तो उन्होंने बताया कि वे सीएमओ से बात करेंगे जिस बारे में 6 बजकर20 मिनट पर एडीएम मंडी का उन्हें व्हाट्सएप पर मैसेज मिला कि ठीक साढ़े 7 बजे 108 पीडि़त परिवार को दी जा रही है। इस बारे में पीडि़त के बेटे एल राम के अनुसार साढ़े 7 बजे एंबुलेंस की ओर से फोन आया था कि वे मंडी हॉस्पिटल पहुंच चुके हैं मगर अफसोस की साढे 4 घंटे से ज्यादा वक्त एक गरीब परिवार को इंतजार करना पड़ा है, जिससे लगता है कि जिला मंडी में स्वास्थ्य सेवाएं सही नहीं है।
इस बारे में सीएमओ जीवानंद चौहान ने बताया कि उनके पास 3 ही एंबुलेंस है, जिनमें मात्र एक एंबुलेंस शिमला रैफर के लिए रखी गई है बाकि दो कोरोना मरीजों के लिए रखी गई है। डीसी ऋग्वेद ठाकुर ने बताया कि मामला ध्यान में है इस पर जांच की जाएगी।