कुल्लू : विश्व पर्यटन मानचित्र पर अपनी अलग पहचान रखने वाला जिला महीनों बाद भी कोरोना संक्रमण से बचा हुआ है। यहां संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। जिला को संक्रमण से सुरक्षित रखने में बजौरा चैक पोस्ट पर स्थापित कोविड-19 सुरक्षा कवच महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सुरक्षा कवच ने उन आरंभिक क्यासों पर भी पूर्ण विराम लगा दिया, जिसमें लोगों को आशंका थी कि जिला में कोरोना वायरस पांव पसार सकता है क्योंकि लाॅकडाउन से पूर्व यहां बड़ी संख्या में आए देसी व विदेशी सैलानी फंस गए थे। जिला के प्रवेश द्वार बजौरा में बाहर से आने वाले किसी भी संभावित कोरोना संक्रमित व्यक्ति का पता लगाने के लिए कोविड-19 सुरक्षा कवच की स्थापना की गई। ऐसा कवच स्थापित करने वाला कुल्लू प्रदेश का पहला जिला बना।
सुरक्षा कवच के तहत दो पारदर्शी कैबिन बनाए गए हैं। एक कैबिन में पुलिस द्वारा कंप्यूटर पर जिला के बाहर से आने वाले तथा जिला से बाहर जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति का पूर्ण ब्यौरा रिकार्ड किया जा रहा है। साथ लगते दूसरे कैबिन में स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों द्वारा प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। बता दें कि बजौरा में पुलिस का हर समय कड़ा पहरा है और कोई भी अवांछित व्यक्ति अथवा अनाधिकृत तौर पर जिला में प्रवेश नहीं कर सकता। सुरक्षा कवच को दिन में तीन से चार बार सेनेटाईज किया जा रहा है। इसमें संक्रमण से बचाव के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं। पुलिस कर्मचारी यहां हर वाहन की एंट्री करते हैं तथा चालकों व यात्रियों की यात्रा का पूरा विवरण दर्ज करते हैं।
स्वास्थ्य कर्मचारी केबिन के अंदर से ही सभी सुरक्षा उपकरणों के साथ चालकों व यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग करते हैं। यहां एक-एक व्यक्ति पर कड़ी नजर रखी जा रही है। लाईन में लगे सभी यात्रियों की सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। एक भी वाहन बिना पुलिस जांच के जिला में प्रवेश नहीं कर सकता। यात्रा का ब्यौरा दर्ज करके तथा थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही लोगों को जिला प्रवेश में दिया जाता है या क्वारंटीन पर भेजा जाता है। यहां रोजाना एक हजार से 1500 तक लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है।
बाहरी राज्यों से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को आवश्यक तौर पर क्वारंटाइन के लिए भेजा जा रहा है। रैड जोन से आने वालों को संबंधित उपमण्डल समिति के हवाले करके उनके क्वारंटीन की व्यवस्था बारे निर्णय लिया जाता है। एहतियात के तौर पर बजौरा चैक पोस्ट पर लाॅकडाउन से पहले 20 मार्च को ही थर्मल स्क्रीनिंग आरंभ कर दी गई थी। कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ने पर यहां जांच और भी सख्त कर दी गई। फ्रंट पर तैनात पुलिस और स्वास्थ्य कर्मचारियों को संक्रमण से बचाने के लिए पारदर्शी केबिनों का निर्माण किया गया। यहां पर एक ऐसी पुख्ता व्यवस्था बनाई गई है कि थर्मल स्क्रीनिंग के बगैर एक भी व्यक्ति जिला में प्रवेश न कर सके।
प्रवेश द्वार पर कोविड-19 सुरक्षा कवच की समय पर स्थापना करना तथा इस तरह की सख्ती के परिणाम स्वरूप ही कुल्लू जिला में कोरोना को कोई भी पॉजिटिव केस सामने नहीं आया है। जिला को ग्रीन जोन में बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं और एहतिहात बरती जा रही है। कोविड-19 सुरक्षा कवच ने जिलावासियों को सुरक्षित करके सचमुच एक मिसाल पेश की है।