शिमला : कोरोना आपदा में हिमाचल सरकार ने कड़े फैसले लेने शुरू कर दिए हैं। सरकार ने कोरोना संकटकाल में मध्यवर्गीय परिवारों को तगड़ा झटका देते हुए इन्हें मिलने वाली सस्ते राशन की सुविधा पर कैंची लगा दी है। आयकर देने वालों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली यानी पीडीएस के दायरे से बाहर कर दिया गया है। योजना के तहत सब्सिडी का लाभ पाने से एक साल के लिए बाहर रखने की मंजूरी दी। यह बड़ा निर्णय कैबिनेट सब कमेटी सिफारिश पर आज शिमला में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने की।
कैबिनेट ने एपीएल राशनकार्ड धारकों को मिलने वाले तेल, दाल और चीनी पर मिलने वाली सब्सिडी का युक्तिकरण करने का भी निर्णय लिया है। ऐसे में इन राशनकार्ड उपभोक्ताओं को महंगी दरों पर राशन मिलेगा। वर्तमान में राशनकार्ड धारकों को दालों पर 25 रुपए, तेल पर दस की जगह पांच रुपए, नमक पर 6 रुपए और चीनी पर 12 रुपए सब्सिडी दी जा रही है। कोरोना के चलते चरमराई आर्थिकी को पटरी पर लाने के लिए ये कदम उठाया गया है। वर्तमान में राज्य में 18 लाख के करीब राशन कार्ड उपभोक्ता है। इनमें लगभग आधे राशन सुविधा से वंचित हो जाएंगे।
राज्य सरकार पहले भी राशन पर दी जाने वाली सब्सिडी को छोड़े जाने की अपील लोगों से कर चुकी है। मंत्रियों और विधायकों ने पहले ही राशन पर दी जाने वाली सब्सिडी को छोड़ने का एलान कर दिया है। राज्य सरकार प्रदेश में संपन्न लोगों से बार-बार राशन की सब्सिडी छोड़ने की अपील कर चुकी है।
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