रिकांगपिओ: वैिश्वक कोविड-19 महामारी के कारण राष्ट्र व्यापी लाॅकडाउन के दौरान विधार्थियों की पढाई के लिए प्रदेश सरकार द्वारा विधार्थियों को ऑनलाइन व दूरदर्शन पर ज्ञानशाला जैसे कार्यक्रम शुरू तो कर दिए। लेकिन जिला के कई ऐसे क्षेत्र है जहां इंटरनेट सुविधा नही है। ऐसे में बच्चों का ऑनलाइन पढ़ाई कैसे होगी। जनजातीय व सीमावर्ती किन्नौर में वर्तमान में 176 प्राथमिक पाठशालाएं, 31 राजकीय माध्यमिक पाठशालाएं 20 उच्च पाठशालाए तथा 32 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाए है। जिनमें से जो स्कूल दूरदराज क्षेत्र में स्थित है। जहां इंटरनेट सुविधाएँ नहीं है। ऐसे में उन छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई करने में दिक्कत आ रही है।
जिला में कई क्षेत्र में टावर तो स्थापित है,लेकिन इंटरनेट तो दूर की बात ठीक से बातचीत भी नही होती। जिला में खासकर शीत मरुस्थल क्षेत्र पूह उपमंडल के 24 पंचायतों में अधिकतर क्षेत्रों में संचार सुविधा तक नही है। ऐसे में सरकार की ऑनलाइन शिक्षा की मुहिम किन्नौर के दूरदराज क्षेत्रों में नही मिल रही है। जिला के गांव चांगो, हांगो, असरंग, कुन्नू चारंग में संचार सुविधा नही है। रोपा वेली के रोपा, ज्ञाबुंग, रुशकलंग,सुन्नम,शयसो के लिए ज्ञाबुंग में टॉवर तो है लेकिन नेट नही चल रहा। चांगो के प्रेम सिंह,पनमा,सोनम, कर्ग्यूत सहित जिले के दुरदराज क्षेत्रों के ग्रामीणों ने कहा कि इंटरनेट नही होने से ऑनलाइन पढ़ाई बाधित है।
वहीं लाॅकडाउन में सब कमरे में बंद है किसी से वर्तालाप भी नही होता। लोगों ने संचार विभाग व सरकार से मांग किया है कि जिला के दूरदराज क्षेत्रों को प्राथमिकता के आधार पर संचार सुविधा व इंटरनेट से जोड़ा जाए ताकि दूरदराज क्षेत्रो में रह रहे छात्रों का ऑन लाइन पढ़ाई हो व लोगों को भी देश दुनिया के जानकारी मिल सके।