नालागढ़: औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में कोरोना की स्थिति को काबू करना संभवतः समूचे प्रदेश में सबसे बड़ी चुनौती बन रही होगी। मगर यहां तैनात प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी इस चुनौती का सामना इस कारण कर पा रहे हैं, क्योंकि वीवीआईपी सहित कानून तोड़ने वालों के लिए एक ही डंडा रखा गया है। हालांकि यह बात पहले भी सामने आई थी कि बद्दी पुलिस द्वारा उद्योगपतियों को भी क्वारंटाइन किया जा रहा है, लेकिन इस मामले में एक नई जानकारी उस समय सामने आई, जब थियोन लाइफ साईंसिस कंपनी की एक लग्जरी एसयूीव को बुधवार शाम कोर्ट से रिलीज किया गया। तब जाकर इस बात का खुलासा हुआ कि यह कंपनी देश के एक पूर्व रेल मंत्री के बेटे की है, जिसके वाइस प्रेजिडेंट मिथलेश जाट, मैनेजर व ड्राईवर चोरी-छिपे मोहाली से आना-जाना कर रहे थे।
20 अप्रैल को फैक्टरी से ही तीनों को नालागढ़ से बीएन जैन पब्लिक स्कूल में क्वारंटाइन कर दिया गया। लगातार अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए वो लोग होटल या गैस्ट हाउस की मांग करते रहे। मगर कानून सबके लिए बराबर होता है। एक नहीं चलने दी गई। मोहाली हॉटस्पॉट क्षेत्र है, मगर वो फैक्टरी में आना-जाना कर रहे थे। सूत्रों की मानें तो ऐशो आराम का जीवन जीने वाले लोगों को जब आम मजदूरों के साथ संस्थागत क्वारंटाइन में रहकर समय गुजारना पड़ा तो शायद उन्होंने कानून को दोबारा न तोड़ने से तौबा कर ली होगी। कुल मिलाकर अहम बात यह है कि प्रशासन के साथ-साथ बद्दी पुलिस ने एक बेहतरीन तालमेल से इस इलाके में कोरोना के विस्फोट को फ्यूज कर रहा है।
अगर अधिकारियों को अपने तरीके से कार्य करने दिया जाए तो निश्चित ही कोरोना भी इलाके में घुसने से डरेगा। दीगर है कि इस इलाके में बतौर पुलिस कप्तान की बागडोर आईपीएस रोहित मालपानी के हाथों में है। इस बीच नालागढ़ के तहसीलदार रिषभ शर्मा का कहना था कि क्वारंटाइन किए गए कंपनी के वाइस प्रेजिडेंट की फॉर्चूनर गाड़ी को कोर्ट से रिलीज कर दिया गया है। हालांकि सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा, लेकिन हल्की-फुल्की बातचीत में यह जरूर माना कि रसूख का इस्तेमाल करने की कोशिश हुई है।उन्होंने कहा कि तीनो के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है।
इसके अलावा पुलिस द्वारा नामी फार्मा कंपनी Zydus कैडिला के 8 कर्मचारियों के अलावा सीनियर मैनेजमेंट के लोगों को भी उल्लंघन पर क्वॉरेंटाइन किया गया था। इसके अलावा श्री राम फूड के मालिक ही क्वॉरेंटाइन किए गए, जो फॉर्च्यूनर से प्रदेश की सीमा में दाखिल हुए थे। जानकारी के मुताबिक अरिस्टो फार्मा के कर्मचारियों को भी उल्लंघन करते हुए पाया गया था। सवाल इस बात पर भी उठता है कि क्यों ऐसे लोग ही उल्लंघन पर उतारू है।