शिमला : हिमाचल के डीजीपी एसआर मरड़ी ने कहा है कि कोरोना लाॅकडाउन में बाहरी राज्यों में फंसे लोगोें को अपने प्रदेश लौटने की छूट का फायदा उठाकर नौकरीपेशा लोग भी हिमाचल आ रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकारी की तरफ से आदेश केवल उन लोगों के लिए हैं, जो कि लाॅकडाउन का एलान होने से पहले बाहरी प्रदेशों में गए थे और वहां फंस गए थे। हिमाचल से बाहर नौकरी करने वाले लोगों के लौटने के केंद्र सरकार ने आदेश नहीं दिए हैं।
मरडी ने आज जारी वीडियो संदेश के माध्यम से कहा कि पिछले कल जोगेंद्रनगर के एक गांव में कोरोना पाॅजिटिव मिला नोयडा में एक नामी कंपनी में कार्यरत है। वह चार अन्य युवकों के साथ एक ही कार में दिल्ली से हिमाचल आ गया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देश के तहत बाहरी राज्य में नौकरी करने वालों के लिए लौटने के आदेश नहीं हैं। लेकिन लोग इस वक्त फायदा उठाकर हिमाचल आ रहे हैं। अब जो आ चुके हैं, उनके लिए होम क्वारंटाइन का सख्ती पालन करना अनिवार्य है।
उन्होंने कहा कि जोगेंद्रनगर के संक्रमित युवक के साथ आने वाले तीन युवकों में एक संक्रमित युवक के गांव का है, दूसरा चैंतड़ा और तीसरा कांगड़ा जिला के बैजनाथ क्षेत्र का है। इन्हें संस्थागत क्वारंटाइन में रख दिया गया है तथा इनके सैंपल की भी जांच होगी।
उन्होंने कहा कि हिमाचल में अब कोरोना के सक्रिय रोगियों की तादाद बढ़कर दो हो गई है। मरड़ी ने कहा कि इस समय देश में कोरोना को लेकर हालात अच्छे नहीं हैं। पिछले कल देश में 3900 संक्रमित मरीज पाए गए हैं और 195 मौत हुई हैं। अब तक कुल 46 हजार से अधिक मामले और 1500 से अधिक मौत हुई है। यह स्थिति संतोषजनक नहीं है और लोगों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि कोरोना वायरस को लेकर गांव के लोग पूरी जिम्मेवारी निभा रहे हैं। कहा कि इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किन्नौर जिला में अपने ही गांव में शिमला से लौटे एक रिटायर अंडर सेक्रेटरी और उनकी पत्नी को गांव के लोगों ने गांव में घुसने से मना कर दिया। उन्हें अंदर नहीं आने दिया। लोगों का कहना था कि अब तक आपको शहर अच्छा लगता था तो अब गांव क्यों अच्छा लगने लगा, हम नहीं आने देंगे। लोगों ने उन्हें करीब तीन घंटे तक अपने ही गांव में आने नहीं दिया। बाद में एसपी किन्नौर और संबंधित एसएचओ के हस्तक्षेप से दंपति को गांव व घर में प्रवेश दिया गया।