राजगढ़ : कोरोना संकट में पशु चिकित्सक भी बखूबी अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे हैं। उपमंडल के सयारला गांव में सतीश शर्मा पुत्र गीता राम की गाय कई दिनों से प्रसव पीड़ा से कराह रही थी, लेकिन शनिवार को असहाय पीड़ा से गुजरी। मालिक से गाय का दर्द सहन नहीं हो रहा था। तुरंत ही धामला में तैनात पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. मनोज कौशिक को संपर्क किया गया। एक पल गंवाए बगैर डॉ. कौशिक अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए।
निरीक्षण में पता चला कि गाय की बच्चादानी में वाटर बैग फट चुका था, मगर बावजूद इसके शिशु ठीक था। ऐसे में टीम के सामने तुरंत ही सिजेरियन का फैसला करने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था। करीब साढ़े 4 घंटे की शल्य चिकित्सा में नवजात बछड़ी ने जन्म लिया। धीरे-धीरे गाय व बछड़ी ने रिकवर कर लिया। नवजात बछड़ी जब अपनी मां से लिपटी तो चिकित्सकों की टीम के चेहरे पर लंबा सुकून था। गाय के मालिक सतीश शर्मा ने टीम का आभार प्रकट किया। डॉ. मनोज कौशिक के अलावा टीम में संदीप शर्मा, अरुण शर्मा व कपिल ठाकुर शामिल थे।