शिमला : कोरोना लाॅकडाउन में बाहरी राज्यों से भारी तादाद में हिमाचल पहुंच रहे लोगों से प्रदेश में कोरोना का सुरक्षा चक्र कहीं टूट न जाए। इसे लेकर राज्य सरकार सतर्क हो गई है। हिमाचल प्रदेश माहामारी अधिनियम 2020 के तहत सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी की है। इसके तहत बाहर से लौटने वाले प्रत्येक व्यक्ति को क्वारंटाइन का सख्ती के साथ पालन करने के लिए पंचायत प्रधानों और शहरी निकायों के प्रतिनिधियों को विशेष शक्तियां प्रदान की गई हैं।
अधिसूचना के मुताबिक हिमाचल आने वाले सभी लोगों का पंचायतों व शहरी निकायों में पंजीकरण करना अनिवार्य है। इसके लिए पंचायत स्तर पर निगरानी समितियां बनाई जाएंगीं। ग्राम पंचायत प्रधान को इन समितियों का सर्विलांस अधिकारी बनाया गया है। संबंधित पंचायत के वार्ड सदस्य, आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तथा पंचायत सचिव, पंचायत सहायक इस समिति के सदस्य होंगे। यह समिति घर में क्वारंटीन की निगरानी एवं रखरखाव का कार्य करेगी। ये खंड स्तरीय समिति को अपनी रिपोर्ट प्रेषित करेगा।
इस समितियों को प्रत्येक आने वाले व्यक्ति की जानकारी एकत्रित करनी होगी। इसी तरह शहरी निकायों के जनप्रतिनिधि सर्विलांस अधिकारी के रूप में काम देखेंगे तथा इन पर निगरानी और क्वारंटीन की पूरी जिम्मेदारी होगी।
जिला निगरानी इकाई व खंड चिकित्सा अधिकारी को यह सुनिश्चित करना होगा कि बाहर से लाटे प्रत्येक व्यक्ति का 14 दिन का होम क्वारंटीन पूरा करवाया जाए और अगले 14 दिन तक उसे निगरानी मंे रखा जाए। साथ ही प्रत्येक व्यक्ति की सूचना कोविड19 पोर्टल पर भी डालनी होगी। हेल्थ सर्विलांस की टीम को क्वारंटाइन पर रखे लोगों के घरों में दिन में एक बार पहुंचकर स्थिति का अवलोकन करना होगा। यदि व्यक्ति को किसी तरह के कोरोना लक्षण प्रतीत होते हैं, तो सिर्वलांस टीम संबंधित बीएमओ व जिला सर्विलांस अधिकारी को तुरंत सुचित करेगी और उसका मोबाइल सैंपलिंग वैन से नमूने लिए जाएंगे। अगर किसी व्यक्ति का नमूना पाॅजिटिव पाया गया, तो उसे उपचार के लिए आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा।